पश्चिम बंगाल (West Bengal) से एक बहुत ही अहम खबर आ रही है। पश्चिम बंगाल पुलिस भ र्ती बोर्ड की ओर से महिला कांस्टेबल (Female Counstable) के लिए कई पदों पर आवेदन मंगाए गए थे। जिसमें लगभग 1000 से अधिक मु स्लिम लड़कियों ने आवेदन दिया था। इन लड़कियों ने फॉर्म में फोटो के स्थान पर हि जाब में फोटो लगाई थी। इसे देखते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस भ र्ती बोर्ड (West Bengal Police Recruitment Board) की ओर से एक बहुत ही अहम निर्णय लिया गया है। इस निर्णय की खूब चर्चाएं हो रही है। कुछ लोग पश्चिम बंगाल पुलिस भ र्ती बोर्ड से सवाल भी कर रहे हैं। आइए आपको पूरी खबर विस्तार से बताते हैं।
1000 आवेदनों को किया गया नि रस्त
जैसा कि आपको पता है कि पुलिस भ र्ती बोर्ड (West Bengal Police Recruitment Board) की ओर से कॉन्स्टेबल (Counstable) और महिला कांस्टेबल (Female Counstable) के पदों के लिए भ र्ती निकाली गई थी। जिसमें कई पुरुष तथा महिला आवेदन दे रहे थे। पश्चिम बंगाल की लगभग 1000 महिलाओं ने भी कांस्टेबल के लिए आवेदन दिया था। जिसमें महिलाओं ने फोटो की जगह पर हि जाब पहनकर फोटो लगाई थी। इसी वजह से उनके आवेदनों को निर स्त कर दिया गया था। अब यह मामला राजनीतिक रूप लेता दिख रहा है।
कोलकाता हाईकोर्ट ने पुलिस भ र्ती प्रक्रिया पर लगाया रो क
इस मामले को राजनीतिक रूप लेता देख अब यह मामला कोलकाता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) में पहुंच गया है। हाईकोर्ट की ओर से पुलिस भ र्ती प्रक्रिया पर रो क लगा दी गई है। बंगाल पुलिस बोर्ड के निर्णय के बाद ही वहां की कुछ महिलाओं ने कोलकाता हाई कोर्ट का रुख किया था। कोलकाता हाई कोर्ट के जज अरिंदम मुखर्जी (Justice Arindam Mukherjee) ने निर्णय सुनाते हुए कहा है कि बंगाल पुलिस भर्ती बोर्ड महिलाओं के साथ सही नहीं कर रही है। आपको बता दें कि पुलिस भ र्ती परीक्षा के लिए 26 सितंबर को कई लोग शामिल हो रहे थे। लेकिन किसी वजह से 30,000 से ज्यादा विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे पाए थे।
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WBPRB के चेयरमैन को लिखा पत्र
WBPRB के अध्यक्ष को एक महिला ने पत्र लिखा है। महिला पत्र में लिखती है कि जिस तरह से सिख समुदाय के उम्मीदवारों को नियमों में छू ट दी गई है। उसी प्रकार से मु स्लिम समुदाय के लिए भी नियमों को अपवाद बनाने की मां ग की गई है। पत्र में साफ तौर पर आप देख सकते हैं कि महिलाएं हि जाब को आस्था और उनकी प्रथाओं का एक भाग बता रही है। पत्र में एक महिला लिखती है कि “हम मानते हैं कि भारतीय लोकतंत्र में सभी धर्म को समानता दी गई है।”