जैसा कि आपको पता है कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार लगातार एक विशेष समुदाय के लिए काम कर रही हैं, अगर विकास की बात करें तो वह एक ही समुदाय का विकास करते हैं। जिन क्षेत्रों में ज्यादातर हिंदू निवास करते हैं। अगर उन क्षेत्रों में जाकर देखा जाए तो आप पाएंगे कि वहां किसी भी तरह का विकास नहीं हो रहा है। हेमंत सोरेन सरकार द्वारा न माज को लेकर अब एक बेहद अहम निर्णय लिया गया है। जिसे जानने के बाद अब समझ जाएंगे कि आखिर किस तरह से हेमंत सोरेन एक वर्ग के लिए काम करना पसंद करते हैं और इन्हें की बदौलत वे राजनीति भी कर रहे हैं।
अब विधानसभा में भी कर सकेंगे इबादत
दरअसल हेमंत सोरेन सरकार द्वारा मु सलमानों के लिए एक बहुत ही अहम निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत झारखंड के विधानसभा में न माज पढ़ने की व्यवस्था की गई है। विधानसभा में एक रूम अलॉट किया गया है। जिसमें विधानसभा में आने वाले मुस लमान समुदाय के लोग इबादत अदा कर सकेंगे। झारखंड के विकास के लिए हेमंत सोरेन सरकार कुछ करती नहीं है। वहीं दूसरी तरफ एक समुदाय को खुश करने के लिए तत्पर तैयार रहती है।
कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर दी जानकारी
भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने मामले की जानकारी देते हुए एक सूचना पत्र जारी किया है। जिस सूचना में यह लिखा गया है कि अब विधानसभा में भी कोई व्यक्ति न माज अदा कर सकता है। विधानसभा राज्य को चलाने के लिए होता है न की इबादत गाह बनाने के लिए। उन्होंने कहा कि संविधान के हिसाब से यह सही नहीं है। झारखंड के निर्माण का उद्देश्य आदिवासियों का विकास था। न माज के ये आदेश अनुचित है, और वापस लिया जाना चाहिए।
झारखंड की विधानसभा में नमाज की व्यवस्था भारत के संविधान के सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ हैं
झारखंड के निर्माण का उद्देश्य आदिवासियों का विकास था, लेकिन तुष्टिकरण की अंधी दौड़ में आदिवासियों का भी अपमान किया जा रहा हैं
नमाज के ये आदेश अनुचित है, और वापस लिया जाना चाहिए pic.twitter.com/VnOxng6a6Q
— Kapil Mishra (Modi Ka Pariwar) (@KapilMishra_IND) September 4, 2021
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सोशल मीडिया यूजर्स दे रहे हैं जवाब
सोशल मीडिया यूजर्स ट्विटर के माध्यम से कपिल मिश्रा का समर्थन करते देखे जा रहे हैं। तो वहीं कुछ सोशल मीडिया यूजर्स कपिल मिश्रा से सवाल भी कर रहे हैं कि आखिर उन्हें क्या लेना देना। अगर हेमंत सोरेन सरकार कोई निर्णय लेती है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि आखिर विधानसभा में न माज अदा करना कहां तक उचित है। हम आपके लिए कुछ ट्वीट्स लगा रहे हैं जिसे देखने के बाद आप सहमत हो जाएंगे कि आखिर किस तरह से लोग इस निर्णय को लेकर सवाल कर रहे हैं।
इनको एक कमरा अपने घर में भी allot कर देना चाहिए नमाज पढ़ने के लिए
— Victor (@VictorRomeo007) September 4, 2021
हिंदू किस कमरे में पूजा करेगा ……!!
क्या यही सोच है एक आदि वासी बलात्कारी (आरोप) मुख्य मंत्री की …..!!!— राहुल भारती (@R3oZFJt3nZVwjuv) September 4, 2021
भारत को बरबाद करने का प्लान विधान सभा में फिर नमाज और हनुमान चालीसा, गुरुवाणी ही होती रहेगी वहां कानून बनाने देश का विकाश करने के लिए जनता ने चुना है या छत्तीसगढ़ को इस्लामिक स्टेट बनाने के लिए चुना है मुस्लिमो को भी इस अनुशासन हीनता का विरोध करना चाहिए क्या मतलब वहां ये सब करने
— Nrendratyagi (@nrendratyagi) September 4, 2021
हमारे यहाँ की सरकार झारखंड की विकास की मुद्दे को भूल कर किसी विशेष समुदाय की विकास करने पर उतरी है।
— sourabh mishra (@sourabhsagarmi4) September 4, 2021
https://twitter.com/JKS_2024/status/1434098125346463744?s=19