महाराष्ट्र में तीन दलों ने मिलकर सरकार बनाई है। महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस(Congress), एनसीपी (NCP) तथा शिवसेना (Shiv Sena) की हिस्सेदारी है, लेकिन मुख्यमंत्री शिवसेना पार्टी से है। NCP के मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) ने अपने सहयोगी दल कांग्रेस पार्टी को आईना दिखाते हुए कुछ ऐसा कहा जिसे जानने के बाद शायद ही आप सहमत हो पाएंगे कि आखिर कोई गठबंधन वाली सरकार में होने के बावजूद भी वे अपने सहयोगी दल के बारे में ऐसा कैसे बोल सकता हैं। साथ ही साथ शरद पवार कांग्रेस पार्टी को नसीहत भी देते हुए देखे जा रहे हैं। आइए आपको पूरी खबर विस्तार से बताते हैं।
हकीकत को समझते हुए कांग्रेस करे राजनीति–शरद पवार
एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कांग्रेस पार्टी के बारे में बात करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी अब वह पार्टी नहीं रही। जिसका कभी कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक नाम था। साथ ही साथ शरद पवार ने कांग्रेस पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि वह उसी प्रकार राजनीति करें जितना उससे हो सके। आगे शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को हकीकत को स्वीकार करते हुए राजनीति करने की आवश्यकता है। आपको बताते चलें कि शरद पवार बहुत ही बेबाक अंदाज में कांग्रेस पार्टी के बारे में बात करते देखे जाते हैं।
राहुल गांधी को नेतृत्व के रूप में कोई भी नहीं देखना चाहते
नेतृत्व के बारे में सवाल करने पर शरद पवार ने कांग्रेस पार्टी के बारे में बात करते हुए कहा कि “जब नेतृत्व का समय आता है तो कॉन्ग्रेस दूसरे किसी विचार को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं होती। 2024 के लोकसभा चुनाव में लीडर के रूप में ममता बनर्जी को चुनने की बात कही जा रही है। यह कांग्रेस पार्टी को स्वीकार नहीं है। कांग्रेस पार्टी के नेता कहते हैं कि हमारे पास राहुल गांधी है। शरद पवार ने कहा कि राहुल गांधी को एक नेतृत्व के रूप में कांग्रेस के अलावा कोई अन्य पार्टी नहीं देखना चाहता।
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कांग्रेस पार्टी हवेली की देखरेख कर रही हैं
जब शरद पवार से कांग्रेस पार्टी के बारे में सवाल करते हुए पूछा गया कि क्या कांग्रेस पार्टी में अहं कार है। इस सवाल के जवाब में शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस इन दिनों एक ऐसी पार्टी की तरह है। जिसने अपनी सारी जमीन गवा दी है। अब वह अपनी हवेली की सेवा कर रही हैं। कांग्रेस पार्टी को लगता है कि उनके लिए केवल हवेली ही काफी है और हवेली की ही देखरेख करते हैं। शरद पवार ने कहा कि उन जमींदारों की कमाई अब कम हो गई है जिनके पास हजारों एकड़ जमीन हुआ करती थी। अब वह कम होकर 15 से 20 एकड़ हो गई है।