पंजाब (Punjab) तथा हरियाणा (Haryana) के किसान भीतर लगभग 1 वर्ष से दिल्ली की सीमाओं (Delhi’s Borders) पर तीनों कृषि कानूनों (Farm Bill) को वापस करवाने के लिए बैठे थे। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश को संबोधित करते हुए कृषि कानून को लेकर एक बयान दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जल्दी ही तीनों कृषि कानूनों को संसद के माध्यम से वापस ले लिया जाएगा। तीनों कृषि कानूनों की वापसी का निर्णय लेने के बाद ही अब त्रिपुरा (Tripura) के लोग एक बार फिर से CAA की वापसी को लेकर सड़क पर आने वाले हैं। आइए आपको पूरी खबर विस्तार से बताते हैं।
क्या है CAA कानून
आपको बता दें कि CAA के अनुसार अफगानिस्तान (Afghanistan), बांग्लादेश (Bangladesh) और पाकिस्तान (Pakistan) से आने वाले हिंदू, जैन, सिख धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत छो ड़ कर चले गए थे। CAA के अनुसार मु स्लिम धर्म के लोग अगर किसी अन्य देश से भारत में आएंगे तब उन्हें नागरिकता नहीं दी जाएगी। यही वजह है कि कुछ लोग भारत सरकार से मां ग कर रहे हैं कि इस कानून को वापस ले लिया जाए।
कुछ मु स्लिम समूह कर रहे हैं तैयारी
जैसा कि आपको पता है कि दिसंबर 2019 में कुछ लोग इस कानून को वापस करवाने के लिए दिल्ली (Delhi) में स्थित शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में बैठे थे। इसमें 5 लोग इस दुनिया को अलविदा भी कह गए थे। कुछ समूह के लोग एक बार फिर से इस कानून की वापसी को लेकर सड़क पर आने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए तारीख भी जारी कर दिया गया है। असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के साथ ही साथ कई अन्य पार्टी के नेता भी इस कानून को लेकर बात कर रहे हैं।
12 दिसंबर से सीएए कानून को वापस करवाने के लिए कर सकते हैं प्र दर्शन
अंग्रेजी अखबार द हिंदू (The Hindu) के अनुसार असम में कई लोग CAA को लेकर तैयारी कर रहे हैं। 12 दिसंबर को असम के साथ ही साथ देश के अलग-अलग राज्य में रहने वाले लोग सीएए कानून को वापस करवाने के लिए सड़क पर आ सकते हैं। कुछ लोगों का यह मानना है कि इस कानून से एक तबके को नु कसान होगा। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने कहा था कि जो लोग पाकिस्तान की सफलता पर खुशियां मना रहे हैं। उनकी नागरिकता वापस ले ली जाए।