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Saturday, July 27, 2024

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ज्यादा शिक्षित राज्य में हार गए “मेट्रो मैन” श्रीधरन: केरल में वामपंथियों की ऐतिहासिक जीत…

भारत के सबसे शिक्षित राज्य केरल में हुए विधानसभा चुनाव (kerala Assembly Election) के परिणाम सामने आ गए है। मेट्रो मैन (Metro Man) के नाम से मशहूर भाजपा प्रत्याशी ई श्रीधरन (E- Shridharan) पलक्कड़ विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं।

श्रीधरन का मुकाबला कॉन्ग्रेस उम्मीदवार शफी परंबिल से था

उनकी हार का अंतर 3,859 वोट का रहा। इस सीट पर श्रीधरन का मुकाबला कॉन्ग्रेस उम्मीदवार शफी परंबिल से था। इसी के साथ केरल में इस बार भाजपा का खाता भी नहीं खुला है। आपको बता दें कि 2016 के विधानसभा चुनाव में केरल में भाजपा ने 1 सीट पर जीत दर्ज किया था।

कांग्रेस गठबंधन को 39 सीटें मिली

केरल में पिनराई विजयन ने रचा इतिहास केरल में पिनराई विजयन (Pinarayi vijayan) के नेतृत्व में एलडीएफ ने रविवार को इतिहास रच दिया है। चार दशकों में यह पहली बार है जब केरल में कोई सत्तारूढ़ पार्टी दोबारा सत्ता में वापसी कर रही हो। लेफ्ट गठबंधन को 92 सीटों पर जीत मिली है। वहीं कांग्रेस गठबंधन को 39 सीटें मिली हैं। एनडीए का राज्य में इस बार खाता भी नहीं खुला है। अन्य के खाते में 9 सीटें गई हैं।

विजयन के नेतृत्व में एलडीएफ की सरकार बननी तय

140 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 71 है, जिसे एलडीएफ ने आसानी से पार कर लिया है। ऐसे में प्रदेश में एक बार फिर विजयन के नेतृत्व में एलडीएफ की सरकार बननी तय है। भाजपा के मुख्यमंत्री चेहरा है, मेट्रो मैन” श्रीधरन देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मविभूषण से सम्मानित 88 वर्षीय मेट्रो मैन श्रीधरन केरल में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे।

भाजपा के लिए पलक्कड़ सीट से ई श्रीधरन ने 2,000 से अधिक वोटों से बढ़त बनाई थी, लेकिन बाद में वो पिछड़ गए। चुनाव अभियान के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने श्रीधरन के लिए रोड शो किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मेट्रो मैन के लिए जनसभाएँ की थीं।

प्रधानमंत्री ने पिनराई विजयन को दी बधाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पिनराई विजयन को उनकी जीत पर बधाई देते हुए कहा, “मैं केरल विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पिनराई विजयन और एलडीएफ को बधाई देना चाहूँगा। हम कई विषयों पर एक साथ काम करना जारी रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि भारत COVID-19 वैश्विक महामारी को कम करेगा।”

केरल में वाम दलों के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन का श्रेय मोर्चे की अगवाई करने वाले विजयन को ही दिया जा रहा है। विजयन ने इस जीत का श्रेय केरल की जनता को दिया और कहा कि राज्य मेंसांप्रदायिक राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है।

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