एक समय ऐसा था जब हमारे देश की सेना (Army) अन्य देशों (Other Country) से साजो सामान खरीदकर देश की रक्षा करते थे। लेकिन केंद्र में जारी नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार (Government) में भारत (India) अब आत्मनिर्भर बन गया है। अब हमारे देश की सेना को अन्य देशों से साजो सामान खरीदने की आवश्यकता नहीं है। इस खबर के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि आखिर हमारा देश साजो सामान बनाने के कारण अब क्यों मशहूर (Famous) हो रहा है। दुनिया के 100 कंपनियों में भारत की कितनी कंपनियां (Company) शामिल है। आइए आपको पूरी खबर विस्तार से बताते हैं।
टॉप 100 कंपनियों में तीन भारतीय कंपनी है शामिल
विश्व (World) की सबसे मशहूर 100 कंपनियों में तीन भारतीय कंपनी (Indian Company) भी शामिल है। भारतीय कंपनियों को लेकर अब देश दुनिया में चर्चाएं होने लगी है। एक समय ऐसा था जब भारत का एक भी कंपनी इस सूची (List) में शामिल नहीं था। लेकिन केंद्र में जारी नरेंद्र मोदी की सरकार में आत्मनिर्भर भारत के तहत तीन कंपनियां ऐसी है जो टॉप 100 कंपनियों में शामिल है। सिर्फ इतना ही नहीं अब भारत की सेना को साजो सामान खरीदने के लिए किसी और देश के आगे हाथ फै लाने की जरूरत नहीं होगी।
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SIPRI द्वारा जारी रिपोर्ट से मिली जानकारी
स्वीडिश थिंक-टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के द्वारा जारी एक रिपोर्ट (Report) के माध्यम से हमें इस बात की जानकारी मिली है कि अब हमारे देश की कंपनियां भी मशहूर 100 कंपनियों में शामिल हो चुकी है। (India becoming self-reliant through Make In India!) यह कंपनियां सैन्य विमान (Military Aircraft) और कई तरह के साजो सामान बनाने में सक्षम है। टॉप 100 कंपनियों में 42 वें स्थान पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ( Hindustan Aeronautics) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (Bharat Electronics) 66वें स्थान के साथ ही साथ भारतीय आयुध कारखाना 60वें स्थान पर शामिल है।
भारतीय कंपनियों को हो रहा है खूब लाभ
SIPRI द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कंपनियों को खूब लाभ (Profit) हो रहा है। भारतीय कंपनियों की कुल साजो सामान की बिक्री 6.5 मिलियन डॉलर हुई थी। इसे भारतीय रुपए में देखा जाए तो यह 48,750 करोड़ रुपए होता है। 2019 के बाद साजो सामान की बिक्री बढ़ती ही जा रही है। अगर कुल 100 कंपनियों के मुताबिक सिर्फ भारतीय कंपनियों की बिक्री देखा जाए तो यह 1.2 फीसदी है। बिक्री में 1.5 फ़ीसदी से सीधे 4 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है।