देश की सीमाओं की सुरक्षा और सीमा पार से होने वाले आ तंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने जीरो टॉ लरेंस की नीति अपनाई है। इसके तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) का अधिकार क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 से बढ़ाकर 50 किलोमीटर तक कर दिया है। कांग्रेस शासित पंजाब और तृणमूल कांग्रेस शासित बंगाल ने सं घीय ढाँ चे पर हम ला बताते हुए इस फै सले पर आप त्ति जताई है।
BSF के कार्यक्षेत्र का बढ़ा दायरा
केंद्र के इस नि र्णय से BSF के कार्यक्षेत्र का दायरा काफी बढ़ गया है। अब BSF 50 किलोमीटर के दायरे में गश्ती, सर्च ऑप रेशन, हि रासत और जब्ती जैसे कार्य कर सकेगी। केंद्र के आदेश के मुताबिक, बल 10 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय सुरक्षा को ख तरा पैदा करने वाली असंवैधानिक गतिविधियों के वि रुद्ध स ख्त कार्र वाई कर सकेगी। इससे पहले BSF को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में 15 किलोमीटर तक ही कार्र वाई करने का अधिकार था, लेकिन नए आदेश के साथ अब इसे केंद्र या राज्य सरकारों से या किसी और से अनुमति के बिना 50 किलोमीटर तक कार्र वाई को अधिकृत किया गया है।
हालाँकि, नए आदेश के तहत पूर्वोत्तर भारत के पाँच राज्यों- मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में BSF के अधिकार क्षेत्र में क टौती की गई है। यहाँ पहले इसका अधिकार क्षेत्र 80 किलोमीटर तक था। गुजरात में भी इसके अधिकार क्षेत्र को 80 किलोमीटर से घटाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है। राजस्थान में BSF का अधिकार क्षेत्र 50 किलोमीटर ही रहेगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 11 अक्टूबर 2021 को जारी अधिसूचना के मुताबिक, “मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय राज्यों और जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल पूरे क्षेत्र तथा गुजरात, राजस्थान में पचास किलोमीटर के भीतर का क्षेत्र और पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम का 50 किमी का दायरा बीएसएफ के अधीन होगा।” केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल अधिनियम 1968 (1968 का 47) की धारा 139 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त श क्तियों का प्रयोग कर यह कदम उठाया है।
पंजाब के सीएम ने किया वि रोध:
पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस फै सले को पंजाब के साथ धो खा करार दिया है। उनका कहना है कि इससे आधे से अधिक पंजाब केंद्र सरकार के कंट्रोल में चला गया है। उन्होंने ट्विटर पर कहा है कि मैं भारत सरकार के इस एकतरफा फै सले की क ड़ी निं दा करता हूँ। इसमें अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के साथ लगे 50 किलोमीटर के दायरे को बीएसएफ के कंट्रोल में दे दिया गया है। यह सं घवाद पर हम ला है। वहीं सुनील जाखड़ ने कहा है कि केंद्र के इस नि र्णय से 50,000 वर्ग किमी में फैले पंजाब का 25,000 वर्ग किमी का दायरा सीधे तौर पर केंद्र के कंट्रोल में चला जाएगा। अब पंजाब पुलिस केवल खड़ी रह जाएगी।
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कैप्टन अमरिंदर ने की सराहना:
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गृह मंत्रालय के बीएसएफ का दायरा बढ़ाने के नि र्णय का स्वागत किया और केंद्र के इस फै सले का सम्मान करने की अपील की है। उन्होने कहा कि जिस तरह से पंजाब में Dr ugs की त स्करी और आ तंकी ख तरा बढ़ा है, अब केंद्र के फै सले से पंजाब सुरक्षित होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि बीएसएफ की बढ़ी हुई उपस्थिति और श क्तियाँ ही हमें मजबूत बनाएँगी। केंद्रीय सश स्त्र बलों को राजनीति में न घ सीटें।
वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र के इस फै सले को तर्कहीन नि र्णय और सं घवाद पर हम ला करार दिया है। बंगाल के मुताबिक, इसके जरिए केंद्र अब राज्यों के अंदरूनी मामलों में केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से हस्त क्षेप करने की कोशिश करेगा। पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री और टीएमसी नेता फिरहाद हकीम ने कहा, “केंद्र सरकार देश के सं घीय ढाँ चे का उल्लं घन कर रही है। कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है, लेकिन केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से हस्त क्षेप करने की कोशिश कर रही है।”