UP: बीते दिनों ब्लाक प्रमुख चुनाव में बलिया खेड़ी ब्लॉक से जीतने वाली प्रत्याशी सोनिया एक हाउसवाइफ है। सोनिया BA तक पढ़ी लिखी है। किस्मत की बात यह है कि उनके पति भी बलिया खेड़ी ब्लॉक में साफ सफाई का काम करते हैं। सोनिया के पति ने कभी जीवन में यह सोचा भी नहीं होगा कि उनकी पत्नी उसी ब्लॉक पर राज करेगी, जिसमें वह एक सफाईकर्मी के रूप में कार्य कर रहे हैं। यही तो लोकतंत्र की खासियत है। लोकतंत्र में हर अंतिम व्यक्ति को नेतृत्व करने का अवसर मिलता है, जिसे भारत की जनता चुनती है। शायद यही लोकतंत्र की कामयाबी है।
पढ़ी-लिखी होने की वजह से ब्लाक प्रमुख चुनी गई सोनिया
सुनील कई वर्षों से बलिया खेड़ी ब्लाक में एक सफाई कर्मी के रूप में कार्यरत है। उनकी पत्नी एक सामान्य घरेलू महिला है। उनकी पत्नी का नाम सोनिया है। जो BA पास है। BA पास होने के कारण सोनिया के पति ने सोनिया को चुनाव में नामांकन दर्ज करवाने के लिए कहा था। ब्लॉक प्रमुख पद के लिए एक से बढ़कर एक दावेदार आगे आ रहे थे। परंतु बीजेपी इस पद के लिए किसी अनुसूचित जाति की पढ़ी-लिखी महिला को ढूंढ रही थी। इसके लिए बीजेपी नेता मुकेश चौधरी ने बीडीएस सोनिया के नाम का प्रस्ताव दिया जिसके बाद पार्टी की सहमति बन गई।
निर्विरोध चुनी गई सोनिया
अब सोनिया के पास भारतीय जनता पार्टी का समर्थन भी था। इसी बीच वि पक्षी दल एक-एक करके पद के नामांकन से अपना नाम वापस लेने लगे। अंततः सोनिया बलिया खेड़ी ब्लॉक से निर्विरो ध ब्लाक प्रमुख चुनी गई। आपको बता दें कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव में ज्यादातर प्रत्याशी निर्विरो ध ही चुने गए थे। सोनिया को गांव वालों का समर्थन प्राप्त था। गांव वाले के कहने पर ही सुनील कुमार ने बीडीएस की सदस्य के लिए अपनी पत्नी सोनिया को चुनावी मैदान में उतारा था।
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अनुसूचित जाति के लिए सीट थी आरक्षित
दरअसल उस सीट पर ब्लाक प्रमुख पद के लिए अनुसूचित जाति कि महिला ही विराजमान हो सकती थी। इसलिए बीजेपी के नेता और जिला पंचायत सदस्य मुकेश चौधरी ने पढ़ी-लिखी महिला सोनिया को बीजेपी की ओर से ब्लॉक प्रमुख पद का प्रत्याशी बनाया था। नामांकन करने के बाद ही 26 साल की सोनिया निर्विरो ध ब्लॉक प्रमुख चुनाव में निर्वाचित हो गई और अंततः उन्हें जीत मिली।