शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता हाई कोर्ट से अंतरिम राहत, धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी
कोलकाता, 5 जून 2025 — धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार की गईं सोशल एक्टिविस्ट शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। यह राहत गुरुवार को दी गई, जब कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य पुलिस की कार्रवाई पर सवाल भी उठाए।
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क्या है मामला?
शर्मिष्ठा पनोली को पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक ऑनलाइन पोस्ट के आधार पर गिरफ्तार किया था, जिसमें कथित रूप से मुस्लिम समुदाय की भावनाएँ आहत हुई थीं। यह पोस्ट तेजी से वायरल हुई थी और इसे लेकर कई संगठनों ने विरोध जताया था। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 295A और आईटी एक्ट की कुछ धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।
कोर्ट का रुख
हाई कोर्ट ने यह कहते हुए अंतरिम जमानत दी कि “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।” अदालत ने राज्य सरकार से भी पूछा कि क्या गिरफ्तारी आवश्यक और तर्कसंगत थी या नहीं।
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पनोली ने क्या कहा?
जमानत मिलने के बाद शर्मिष्ठा पनोली ने एक बयान में कहा, “मैंने किसी धर्म विशेष के खिलाफ कुछ नहीं कहा था। मेरी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। मैं न्यायपालिका की आभारी हूं जिसने मुझे अंतरिम राहत दी।”
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सोशल मीडिया पर बहस तेज
इस मामले ने सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस छेड़ दी है। एक वर्ग इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला बता रहा है, जबकि दूसरा वर्ग इसे एक सोची-समझी साजिश और धार्मिक उकसावे का मामला मान रहा है।