तीनों कृषि कानूनों (Farm Bills) को वापस लेने का निर्णय लेने के बाद ही अब कांग्रेस (Congress) तथा अन्य पार्टी के नेता इस पर राजनीति करते नजर आ रहे हैं। कुछ नेता तो यह भी कह रहे कृषि कानूनों की वापसी एक बार फिर हो सकती है। हाल ही में महंत परमहंस (Mahant Paramhans) ने राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को लेकर एक बयान दिया है। महंत परमहंस द्वारा बयान देने के बाद ही खूब चर्चाएं हो रही है। इस खबर के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि महंत परमहंस ने राकेश टिकैत को क्या कहा है और क्यों हो रही है इसकी चर्चाएं? आइए आपको पूरी खबर विस्तार से बताते हैं।
महंत परमहंस ने राकेश टिकैत से क्या कहा
महंत परमहंस (Mahant Paramhans) ने राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि अगर राकेश टिकैत तीनों कृषि कानूनों (Farm Bills) के बारे में जानकारी दे देंगे तो वह उन्हें एक करोड़ रुपए देंगे। उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत को कृषि कानूनों के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। टिकैत केवल देश को तो ड़ने का काम कर रहे हैं। इसके लिए राकेश टिकैत को देश-विदेश से फंडिंग मिल रही है। किसानों का सहारा लेकर राकेश टिकैत राजनीति कर रहे हैं।
90 फ़ीसदी किसान है पीएम मोदी के साथ
महंत परमहंस ने कहा है कि देश के 90 फ़ीसदी किसान पीएम मोदी के साथ है। तीनों कृषि कानून जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वापस लेने का निर्णय लिया है। यह कानून किसानों के लिए बहुत ही ज्यादा काम का है। उन्होंने कहा कि इस कानून को जनमत संग्रह करवा कर फिर से लाया जाएगा। कृषि कानूनों के पक्ष में देश के 90 फ़ीसदी किसान है। जैसा कि आपको पता है कि महंत परमहंस समय-समय पर अपने बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं। इस बार भी कृषि कानून और राकेश टिकैत को लेकर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं।
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राकेश टिकैत के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ
महंत परमहंस ने कहा है कि राकेश टिकैत के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है। चीन और पाकिस्तान से उन्हें फंडिंग मिल रही है। कुछ ऐसे भी लोग हैं। जो उन्हें देश में रहने के बावजूद भी फंड दे रहे हैं। यह बिल्कुल भी सही नहीं है। राकेश टिकैत अगर चाहे तो तीनों कृषि कानूनों का अध्ययन कर लोगों को जानकारी दे सकते हैं। लेकिन उन्हें तो केवल राजनीति करना है। आपको बता दें कि दिल्ली की सीमा पर बैठे किसानों को लेकर समय-समय पर बातें की जाती है।