ABP C Voter Snap Poll: तीनों कृषि कानूनों (Farm Bills) की वापसी का निर्णय लेने के बाद ही समाचार चैनल एबीपी ने एक पोल किया है। इस पोल में बहुत सारे लोगों ने भाग लिया। इस खबर के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि आखिर कृषि कानूनों की वापसी (Farm Bills Withdraw) को लेकर भारत (India) में रहने वाले आम नागरिक क्या सोचते हैं। आपको बताते चलें कि इसमें भाग लेने वाले किसान (Farmers) से लेकर कई अलग-अलग विभाग में काम करने वाले लोग शामिल थे। आइए आपको पूरी खबर विस्तार से बताते हैं।
कृषि कानूनों को लेकर क्या सोचती है जनता
जैसा कि आपको पता है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने टीवी पर आकर लोगों से कहा था कि जल्दी ही तीनों कृषि कानूनों को संसद के माध्यम से वापस ले लिया जाएगा। PM मोदी द्वारा किसान कानूनों की वापसी का निर्णय लेने के बाद ही कुछ लोग इससे सहमति दिखा रहे थे। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं। जो अभी भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही नि र्णय नहीं लिया है। आपके आसपास भी कई ऐसे लोग होंगे, जो इस कानून के समर्थन में होंगे। तो वही दूसरी तरफ कुछ लोग इस कानून की वापसी पर खुशी भी मना रहे होंगे।
Abp C Voter Snap Poll ने दी जानकारी
आपको बता दें कि Abp C Voter Snap Poll में 2 हजार 596 लोगों ने भाग लिया था। इस सर्वे के माध्यम से समाचार चैनल एबीपी ने अपने दर्शकों से कई तरह के सवाल पूछा था। दर्शकों ने इसका जवाब अपने हिसाब से दिया है। Abp समाचार चैनल ने पोल के माध्यम से कई तरह के सवाल पूछे थे। जिसमें लोगों ने खुलकर समर्थन लिया है। वहीं दूसरी तरफ बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं। जिन्होंने किसानों का साथ देना सही समझा है।
Also Read:- कृषि कानून वापसी के बाद अब CAA के लिए तैयारी शुरु! 12 दिसंबर को सड़कों पर उतरेंगे लोग ?
52 फ़ीसदी लोगों ने कहा कृषि कानून वापसी सही निर्णय
एबीपी समाचार चैनल ने जनता से सवाल पूछा था कि दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान सही में किसान थे या यह एक जन आं दोलन नहीं था। इसके जवाब में 46 फ़ीसदी लोगों ने कहा है कि यह एक जन आं दोलन था। 42 फ़ीसदी लोगों ने कहा कि इसमें कुछ ही किसान शामिल थे। 12 फ़ीसदी लोगों ने कहा “कह नहीं सकते।” एक अन्य सवाल यह पूछा गया था कि किसान कानून वापस लेकर पीएम मोदी ने सही किया? इसके जवाब में 52 फ़ीसदी लोगों ने कहा है कि किसान कानून वापसी एक सही निर्णय था। 31 फ़ीसदी लोग नहीं हैं सहमत। वहीं 17 फ़ीसदी लोगों ने कहा कि “कह नहीं सकते।”