जैसे कि आपको पता है कि हमारे देश में रहने वाले ज्यादातर लोग हिंदू समाज (Hindu Religion) से आते हैं। इसके बावजूद भी ईसाई धर्म (Christianity) के कुछ लोग ऐसे हैं। जो हिंदू धर्म के लोगों को अपने धर्म में शामिल करने के लिए कहते रहते हैं। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में तीन पीढ़ी पहले कई परिवार के लोगों ने ईसाई धर्म को अपनाया था। नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार में उन्होंने एक बहुत ही अहम निर्णय लिया है। इस निर्णय की खूब सराहना करते हुए आस पड़ोस के लोग नजर आ रहे हैं। इस खबर के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि आखिर इन लोगों ने क्या निर्णय लिया है। क्यों हो रही है इसकी चर्चाएं? आइए आपको पूरी खबर विस्तार से बताते हैं।
1200 लोगों ने की घर वापसी
आपको बता दें कि यह खबर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से है। छत्तीसगढ़ के लगभग 1200 लोग तीन पीढ़ी पहले हिंदू धर्म को छो ड़ ईसाई धर्म को अपना लिया था। छत्तीसगढ़ के इन सभी लोगों ने हाल ही में हिंदू धर्म में शामिल होने का निर्णय लिया है। आर्य समाज (Arya Samaj) और हिंदू समाज द्वारा एक कार्यक्रम किया गया था। जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मशहूर नेता प्रताप सिंह जूदेव (Pratap Singh Judev) शामिल हो रहे थे। यह कार्यक्रम 2 दिनों के लिए था। 2 दिनों के अंदर ही भारतीय जनता पार्टी के नेता ने उन सभी को हिंदू धर्म में शामिल किया। जो तीन पीढ़ी पहले हिंदू धर्म को मानते थे।
400 परिवार के लोग थे शामिल
आपको बता दें कि इन 1200 लोगों में चार सौ परिवार के लोग शामिल थे। लगभग 2 साल पहले छत्तीसगढ़ के जशपुर में ऑप रेशन घर वापसी की शुरुआत हुई थी। इसमें कई परिवार के लोग हिंदू धर्म में शामिल हुए थे। एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के नेता दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र प्रताप सिंह जूदेव ने घर वापसी कार्यक्रम की शुरुआत की है। प्रताप सिंह जूदेव ने लोगों के पांव धोकर हिंदू धर्म में वापसी कराई। घर वापसी के समय वहां पर हजारों संख्या में लोग मौजूद थे।
हिंदुत्व की रक्षा करना मेरा एकमात्र काम – बीजेपी नेता
पत्थलगाँव के खूँटापानी में आर्य समाज और हिंदू समाज की तरफ से दो दिनों के लिए महायज्ञ का आयोजन किया गया था। भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रताप सिंह ने कहा है कि उनका एकमात्र काम हिंदुत्व की रक्षा करना है। 1200 लोगों के घर वापसी पर उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही अच्छा काम है। ऐसा करने से उन्हें खुशी मिलती है। यह लोग किसी मजबूरी के कारण ईसाई धर्म में शामिल हुए थे। लेकिन इस तरह से किसी को अपने धर्म में शामिल करने से टिकाऊ काम नहीं होता। यही वजह है कि 1200 लोगों ने हिंदू धर्म में शामिल होने का निर्णय लिया था।