JNU में वक्फ कानून के खिलाफ उबाल: छात्र संगठनों ने फूंकी कानून की कॉपी, मोदी-शाह के खिलाफ नारेबाजी
केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नए वक्फ कानून के खिलाफ देशभर में उठ रही आवाज अब दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) तक पहुंच गई है। रविवार शाम जेएनयू परिसर में छात्रों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जहाँ वक्फ कानून की प्रतिलिपि (कॉपी) को आग के हवाले कर दिया गया।
Also Read This:- वक्फ बिल पर सियासी तूफान: नमाज़ में काले बैज पहनने वालों को नोटिस
इस प्रदर्शन की अगुवाई फ्रेटरनिटी मूवमेंट ने की, जिसमें वामपंथी छात्र संगठन PSA, कांग्रेस समर्थित NSUI और राजद का छात्र संगठन CRJD एकजुट होकर शामिल हुए। इस संयुक्त प्रदर्शन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ तीखी नारेबाजी की गई।
मुस्लिम समुदाय के खिलाफ साजिश करार
प्रदर्शनकारी छात्रों ने नए वक्फ कानून को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ “प्रत्यक्ष हमला” बताया। उनका कहना है कि यह कानून मस्जिदों, कब्रिस्तानों और अन्य वक्फ संपत्तियों पर सरकार के कब्जे की जमीन तैयार करता है। एक छात्र ने कहा, “सरकार मुस्लिम विरोधी सोच के साथ काम कर रही है। यह कानून एक साधन है जिससे सरकार धार्मिक स्थलों पर अपना हक जमाना चाहती है।”
Also Read This:- 11 अप्रैल से लाखों गाड़ियों का नंबर होगा रद्द! जानें बचाव के उपाय
JNU बना विरोध की नई जमीं
इस मुद्दे पर जेएनयू का उबाल एक बार फिर यह दर्शाता है कि जब भी सरकार कोई विवादास्पद कानून लाती है, तो जेएनयू इसका मजबूत प्रतिरोध केंद्र बनता है। इससे पहले CAA और कृषि कानूनों के दौरान भी कैंपस में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन देखने को मिला था।
मोदी-शाह के खिलाफ नारे, कानून की होली
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने “मोदी-शाह हो बर्बाद” जैसे नारे लगाते हुए वक्फ कानून की प्रतिलिपि को जलाया। छात्रों का कहना है कि जिस तरह जनता के व्यापक विरोध के चलते कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था, उसी तरह सड़कों पर संघर्ष और संवैधानिक लड़ाई के जरिये वक्फ कानून को भी रद्द करवाया जाएगा।
क्या है नया वक्फ कानून?
हाल ही में केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत सरकार को वक्फ संपत्तियों पर ज्यादा नियंत्रण मिल सकता है। आलोचकों का कहना है कि यह संशोधन अल्पसंख्यकों की धार्मिक और सामाजिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।
Also Watch This:- “BJP” राज में पहली बार.! DELHI में हिंदुओं ने भरी हुंकार.!
विरोध का दायरा हो रहा है व्यापक
JNU के अलावा देश के कई हिस्सों में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो चुके हैं। छात्र संगठनों के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता और मुस्लिम धार्मिक संगठन भी इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं।