26.5 C
New York
Saturday, July 27, 2024

Buy now

Heading : अर्नब को जेल पहुचाने वाले खुद पहुंच गए जेल,अर्नब के खिलाफ बंद हुआ सारा केस..

अभी हाल में ही मुंबई पुलिस ने एक अहम निर्णय लेते हुए पत्रकार अर्नब गोस्वामी के ऊपर लगभग सभी आरोप रद्द कर दिए हैं। लेकिन ऐसा कैसे हो गया जो मुंबई पुलिस ‘Chapter Proceedings’ के मामलों में अर्नब गोस्वामी के पीछे पड़ी थी आखिर उसपर पूर्णविराम कैसे लग गया। इसके पीछे क्या वजह है जिसके कारण एकाएक मुंबई पुलिस का कायाकल्प हो गया।

इसके पीछे ऐसा नही है कि मुंबई पुलिस बदल गयी है। इसके पीछे कारण है कि जिन लोगो ने अर्नब गोस्वामी के ऊपर चार्ज लगाए थे वह सारे व्यक्ति आज जेल की सलाखों के पीछे है या कुछ समय बाद जेल जा सकते हैं। फिर चाहें वो सस्पेंड सचिन वाजे हो या उनका सहयोगी रियाज काज़ी। अर्नब के ऊपर जिन जिन पुलिस ऑफिसर ने आरोप लगाए थे वे ज्यादातर जेल में हैं। और मुंबई पुलिस डीजी होमगार्ड परमवीर सिंह की अलग समस्याएं हैं।

आखिर मुंबई पुलिस क्यों अर्नब के पीछे पड़ी थी आइए आपको बताते हैं हुआ यूं कि 16 अप्रैल 2020 महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं को सुनियोजित तरीके से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया जाता है। इसपर अर्नब गोस्वामी ने सोनिया गांधी को चुप्पी को लेते हुए सवाल खड़े किए औए कहा कि मुसलमान ऐसी किसी सांम्प्रदायिक घटना का शिकार होता है तो सोनिया गांधी बयान देती है लेकिन जब हमारे देश मे साधुओं की मौत हो जाती है और सोनिया गांधी चूं तो नही करती। यह सोनिया गांधी की सेलेक्टिव सहानुभूति नही है तो फिर क्या है। इसके बाद मुंबई पुलिस ने अर्नब को आड़े हाथों लेते हुए मुकदमों की झड़ी सी लगा दी।

लेकिन मुकदमों दर्ज होने के वावजूद में अर्नब अपनी बातों से टस से मस नहीं हुए। बाबजूद इसके उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार की कड़ी आलोचना की और कहा कि सरकार ने अभिनेता शुशांत सिंह राजपूत मामले के प्रति रवैया ठीक नही है और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। इसके ठीक बाद उन्हें टीआरपी और नीरज नायक के आत्महत्या के मामले में अर्नब गोस्वामी पर मुक़दमे दर्ज किए जाते हैं।

इस सब के बाद अभी हाल में ही उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर खड़ी जिलेटिन से भरी एसयूवी कार के मामले में एनआईए (NIA) ने सचिन वाजे को गिरफ़्तार किया है। इसके साथ ही अर्नब के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों की पोल भी धीरे-धीरे खुलने लगी है। ख़बर यह भी है कि सचिन वाजे ने बार्क (BARC) के अफसरों से 30 लाख रुपए की उगाही करने की मांग भी की थी और पैसा न देने पर उद्धव ठाकरे सरकार की जी हुजूरी करने के लिए सचिन वाजे और उनके सहयोगियों द्वारा अफसरों डरा-धमकाया जा रहा था। ऐसे में एक समझदार व्यक्ति के लिए यह इशारा काफी है।

ऐसे में जब अर्नब गोस्वामी के खिलाफ जांच करने वाले ‘अधिकारी’ ही सलाखों के पीछे हों, तो फिर कब तक ये झूठे मुकदमे टिक सकते थे। इसीलिए आज अर्नब गोस्वामी के खिलाफ मुंबई पुलिस को लगभग सभी मामले रद्द करने पड़े हैं, ताकि आगे चलकर और फजीहत न झेलनी पड़े।

Related Articles

Stay Connected

51,400FansLike
1,391FollowersFollow
23,100SubscribersSubscribe

Latest Articles