पश्चिम बंगाल(West Bengal) विधानसभा चुनाव में तीसरी बार लगातार जीत दर्ज करने के बाद ममता बनर्जी(Mamata Banerjee) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हाल में बने राजनीतिक समीकरण को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि ममता बनर्जी शायद तीसरी बार मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगी। तीरथ सिंह रावत(Tirath Singh Rawat) के इस्तीफे के बाद से ये सवाल चर्चा में है कि क्या ममता बनर्जी को भी CM की कुर्सी से इस्तीफा देना पड़ेगा या नहीं।
विधान परिषद के गठन का प्रस्ताव पारित
लगभग पांच दशक के बाद बंगाल विधानसभा(West Bengal Assembly) में तृणमूल कांग्रेस(TMC) द्वारा विधान परिषद के गठन का प्रस्ताव पारित हुआ है। भाजपा(BJP) ने इस प्रस्ताव का वि रोध किया मगर बंगाल विधानसभा में बहुमत होने के कारण 196 मतों से ये प्रस्ताव पास हो गया है। अब देखना है कि ये प्रस्ताव ममता बनर्जी की कैसे मदद करता है।
तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद ममता पर बढ़ा नैतिक दबाव
आपको बता दे कि हाल ही में तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। तीरथ सिंह उत्तराखंड के चुनाव में किसी विधानसभा सीट से नहीं जीते थे। कोविड के कारण उपनिर्वाचन न होने के चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। अब यहीं स्तिथि ममता बनर्जी के सामने आने वाली है। बंगाल विधानसभा के चुनाव में टीएमसी ने जीत दर्ज कर ली, लेकिन नंदीग्राम में भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी के हाथों ममता बनर्जी 2000 से कुछ कम मतों से हा र गई थी।
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ममता की चाल होगी नाकाम
ममता बनर्जी जानती है कि अब से कुछ समय के बाद उनके पास भी ऐसी ही स्तिथि आने वाली है। इससे बचने के लिए ममता बनर्जी ने विधान परिषद के गठन का प्रस्ताव पारित किया है। हालांकि ये प्रस्ताव भी ममता की मदद नहीं कर पायेगा। क्योंकि अभी विधान परिषद के लिए ममता बनर्जी को इस प्रस्ताव को संसद में भी पास कराना होगा, जो मोदी सरकार के पास बहुमत है। संसद में इस प्रस्ताव का पास होना लगभग नामुमकिन है। ऐसे में ये सवाल अभी भी जस का तस बना हुआ है कि क्या ममता को सीएम पद छोड़ना पड़ेगा।