इंदिरा गांधी(Indira Gandhi) की बहु मेनका गांधी(Maneka Gandhi) ने खुद को ससुराल से निकाले जाने की जो , वजह बताई थी। उसके बाद ये बात सच साबित हो जाती है कि राजनीति में कोई अपना नहीं होता है। दरअसल इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी(Sanjay Gandhi) की मौत मेनका गांधी पर दो तरह से भारी पड़ी थी। एक तो कम उम्र में वह विधवा हो गई थीं, दूसरे उनके ससुराल में उनके साथ दोहरा रवैया अपनाया जाने लगा था। राजीव गांधी(Rajiv Gandhi) और सोनिया गांधी( Sonia Gandhi) के बढ़ते दबाव और इंदिरा गांधी की बेबसी का कहर मेनका गांधी पर ऐसा टूटा कि वह घर से बेघर हो गई थीं। मेनका गांधी ने अपने साथ हुए दुर्व्यहार के बारे में एक इंटरव्यू में बहुत से राज खोले थे।
मेनका गांधी ने एक इंटरव्यू में ससुराल छोड़ने की बताई थी वजह
मेनका गांधी ने सिमी ग्रेवाल को उनके टॉक शो “रेंडीज़वेस विद सिमी ग्रेवाल” में बताया था कि संजय गांधी की जब मौत हुई तो वह 23 साल की थी और वरुण गांधी मात्र तीन महीने के थे। मेनका गांधी ने बताया कि, संजय गांधी के जाने का सदमा झेल ही रही थीं कि ससुराल में एक नई समस्या उनके सामने आ कर खड़ी हो गई थी। संजय गांधी की मौत के बाद इंदिरा उनकी जगह राजनीति में राजीव गांधी को लाने की तैयारी कर रही थीं।
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राजीव गांधी ने राजनीती में आने के लिए रखी थी शर्त- मेनका गांधी
मेनका ने बताया था कि राजीव और सोनिया दोनों ही राजनीति से दूर रहना चाहते थे। मेनका गांधी ने बताया कि जब इंदिरा ने राजीव को फोर्स किया तो राजीव गांधी ने उनके सामने एक ऐसी शर्त रखी जो उनके लिए किसी सदमे से कम नहीं थी। मेनका ने खुलासा किया था कि राजीव की मुख्य मांगों में से एक था कि उनका यानी मेनका का घर छोड़ना और संपत्ति में कुछ भी उन्हें न देना।
मेनका ने बताया था कि राजीव गांधी और सोनिया ने कहा था कि यदि मेनका गांधी ने घर नहीं छोड़ा तो वह घर छोड़कर इटली चले जाएंगे। मेनका का कहना था कि इंदिरा गांधी एक बेबस मां थीं और वह राजीव गांधी की बातों को मानने के लिए विवश थीं। मेनका ने बताया था कि निजी तौर पर उनका उनकी जेठानी से कोई विवाद नहीं था। यह सब संपत्ति के लिए था।