“Chidambaram” calls Sanatan Dharma toxic: लोकतंत्र (Democracy) में आलोचना लाजमी है लेकिन उसका यह अर्थ कहीं नहीं है कि आप किसी भी व्यक्ति धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाएं अभी ऐसा ही कुछ मामला हमें देखने को मिला है जब कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (P. Chidambaram, Congress) ने सत्ता सनातन धर्म (Sanatan Dharam) को विषैला करार दिया। कोई किसी व्यक्ति के विरोध में एक संस्कृति व सभ्यता को कोई कैसे नीचा दिखा सकता है।
आप सभी को पता कि इस समय देश मे चुनावी माहौल है बंगाल, असम और तमिलनाडु में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। आइए आपको बताते हैं कि मामला क्या है?
हुआ यूं की दक्षिण भारत के भाजपा युवा सांसद तेजस्वी सूर्या (Tejasvi Surya, BJP) तमिलनाडु में प्रचार के दौरान उन्होंने कहा कि जल्द ही तमिलनाडु से पेरियारवाद का अंत होगा और भाजपा अपना संपूर्ण अर्पण करने को तैयार होगी।
इस पर पी चिदंबरम नाराज हो गए और उन्होंने तमिल भाषा में एक थ्रेड छापते हुए लिखा, “मैं हाल ही में भाजपा सांसद द्वारा पेरियार के विचारधारा को नष्ट करने की बात करने की निन्दा करता हूँ। इन्हें पता भी है पेरियार कौन है? ये वही थे जिन्होंने तमिल समुदाय को उनकी पहचान दी, ये वही थे जिन्होंने सनातन धर्म के विष के विरुद्ध मोर्चा संभाला”।
தமிழ்நாட்டில் ‘பெரியாரிசம்’ (பெரியார் கொள்கையை) ஒழிக்கவே பாஜக இங்கு வந்திருக்கிறது என்று பாஜக தலைவர் மற்றும் நாடாளுமன்ற உறுப்பினர் ஒருவர் கூறியுள்ளதை வன்மையாக கண்டிக்கிறேன்
‘சனாதன தர்மம்’ என்ற நச்சுக் கொள்கையை எதிர்த்துப் போராடி வென்றவர் தந்தை பெரியார்
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 5, 2021
आपको जानकर हैरानी होगी कि पी चिंदबरम की यह मानसिकता उनकी सनातन धर्म के प्रति कुंठा को दर्शाती है। ये वही चिंदबरम जिनके दबाव में गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख के एनकाउन्टर के झूठे आरोप में ढाई वर्षों तक गुजरात में घुसने तक नहीं दिया गया। ये वही पी चिदंबरम है जिनके बतौर गृह मंत्री रहते हुए न केवल बाटला हाउस एनकाउन्टर को झूठा सिद्ध करने की जी तोड़ कोशिश की गई साथ ही इशरत जहां बहुचर्चित केस के दस्तावेज़ भी रहस्यमयी तरीके से गायब कर दिए गए।
इस बयान को पी चिदंबरम को वापस लेना चाहिए और पूरी सनातन कौम से माफ़ी मांगनी चाहिए। नहीं तो कांग्रेस को वोट की चोट बहुत महंगी न पड़ जाए।