किराए पर फ्लैट देने से पहले हो जाएं सावधान! कहीं GST का नोटिस न आ जाए दरवाज़े पर
बिना सोचे-समझे फ्लैट किराए पर देना पड़ सकता है भारी
अगर आपने भी अपने फ्लैट को एक्स्ट्रा इनकम के मकसद से किराए पर दिया है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। हाल के मामलों में देखा गया है कि कई मकान मालिकों को अपने फ्लैट पर जीएसटी का भारी-भरकम नोटिस मिला है, जबकि असली कारोबारी किराएदार होता है जो फ्लैट छोड़कर जा चुका होता है।
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सुमित चौधरी का केस: इन्वेस्टमेंट बना सिरदर्द
दिल्ली के सुमित चौधरी ने नोएडा में एक नामी सोसायटी में इन्वेस्टमेंट के लिए फ्लैट खरीदा और ₹30,000 प्रति माह पर किराए पर दे दिया। शुरू में सब कुछ सही चला—किराएदार अच्छा लगा, एडवांस सिक्योरिटी भी दी। लेकिन कुछ महीनों बाद किराएदार अचानक गायब हो गया। संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन फोन बंद मिला। सुमित को राहत महसूस हुई कि सिक्योरिटी राशि नहीं मांगी गई, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उनके पते पर लाखों रुपये का GST नोटिस पहुंच गया।
जीएसटी और कोर्ट के चक्कर: कानूनी झंझट का खतरा
वकील मनीष भदौरिया के अनुसार, इस तरह के केस अब आम होते जा रहे हैं। किराएदार कोई अवैध या टैक्सेबल कारोबार उसी एड्रेस से शुरू कर देता है और फिर गायब हो जाता है। जब सरकारी एजेंसियों को उस एड्रेस पर नोटिस भेजना होता है, तो मकान मालिक को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
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क्या कहती है पुलिस और कानून?
मध्य प्रदेश के एडिशनल एसपी डॉ. प्रशांत चौबे का कहना है कि रेंट एग्रीमेंट बनवाते समय सावधानी बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि एग्रीमेंट में ये स्पष्ट शर्त जरूर जोड़ें:
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किराएदार फ्लैट को व्यवसायिक गतिविधियों, ऑनलाइन ट्रेडिंग या किसी भी प्रकार की बिजनेस एक्टिविटी के लिए इस्तेमाल नहीं करेगा।
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यदि ऐसा पाया जाता है तो मकान मालिक को बिना किसी पूर्व सूचना के किराया अनुबंध रद्द करने का अधिकार होगा।
किराए पर फ्लैट देने से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान
✔️ किराएदार का पुलिस वेरिफिकेशन कराएं
हर किराएदार का लोकल पुलिस स्टेशन में वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य है। इससे आप उसके बैकग्राउंड से जुड़ी जरूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
✔️ लिखित रेंट एग्रीमेंट में शामिल करें ये शर्तें
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फ्लैट केवल रेजिडेंशियल उपयोग के लिए ही किराए पर दिया गया है।
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किसी प्रकार की कमर्शियल एक्टिविटी की अनुमति नहीं होगी।
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किराएदार को अपनी पहचान और पेशे से संबंधित डिटेल्स देना जरूरी होगा।
✔️ ज्यादा किराए के लालच में न आएं
कभी-कभी संदिग्ध प्रवृत्ति के लोग ज्यादा किराया ऑफर कर मकान हड़पने या फ्रॉड करने की कोशिश करते हैं। ऐसे मामलों में खास सतर्क रहें।
✔️ फ्रॉड हो तो तुरंत FIR और कानूनी मदद लें
अगर आपको किसी भी तरह का संदेह हो या किराएदार धोखाधड़ी कर जाए, तो तुरंत पुलिस को लिखित सूचना दें और वकील से संपर्क करें।
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निष्कर्ष: फ्लैट किराए पर देने से पहले करें पूरी जांच-पड़ताल
एक्स्ट्रा इनकम का सपना पूरा करना बुरा नहीं, लेकिन अगर इससे आपकी शांति और संपत्ति खतरे में आ जाए तो सावधानी बेहद जरूरी है। आज के डिजिटल और फ्रॉड से भरे युग में रेंट एग्रीमेंट की डिटेल्स और कानूनी जानकारी रखना हर मकान मालिक की जिम्मेदारी बन गई है।