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Sunday, September 8, 2024

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शादी में मिले 75 लाख लौटाकर कर दिया Girls Hostel को दान ! पेश की मानवता की मिसाल…..

हमारे समाज (society) में आज भी ऐसे लोग मौजूद हैं। जो दहेज प्रथा को अच्छा नहीं मानते हैं। अक्सर शादियों में हमने देखा है कि बिना दहेज (Dowry) के कोई शादी करना पसंद नहीं करता है। जब भी शादी की बात आती है तो लोग एक ही सवाल करते हैं। पूछते हैं कि दहेज कितना दिया या फिर दहेज कितना लिया? लेकिन अब समय के साथ-साथ लोग भी जागरूक (Awareness) होते जा रहे हैं। राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर की एक लड़की ने कुछ ऐसा किया जिसकी वजह से उन्हें खूब तारीफें मिल रही है। आइए आपको पूरी खबर विस्तार से बताते हैं।

राजस्थान के बाड़मेर का है मामला

आपको बता दें कि यह मामला (Issue) राजस्थान के बाड़मेर का है। राजस्थान के बाड़मेर में रहने वाले किशोर सिंह (Kishor Singh) अपनी बेटी अंजली (Anjali) की शादी प्रवीण सिंह (Pravin Singh) से करवाते हैं। यह शादी बीते 21 नवंबर को हुई है। शादी से कुछ दिन पहले अंजलि ने अपने पिताजी से बातचीत की थी। अंजलि चाहती थी कि उसके परिवार वाले दहेज में देने वाले पैसे को किसी गर्ल्स हॉस्टल (Girls Hostle) को डोनेट (donate) कर दे। अंजलि के पिताजी भी इस पर विचार कर रहे थे। कुछ समय बाद अंजलि के पिताजी मान गए।

गर्ल्स हॉस्टल बनाने के लिए 75 लाख रुपए किये डोनेट

अंजलि के कहने पर उनके पिता जी मान गए थे। उनके पिताजी ने 75 लाख रुपए हॉस्टल बनवाने के लिए डोनेट कर दिया। अंजलि के पिताजी किशोर सिंह कानोड़ की अब खूब तारीफें हो रही है। सोशल मीडिया (Social Media) पर भी लेकर बातें हो रही है। लोग किशोर सिंह कानोड़ के साथ-साथ उनकी बेटी की भी वाहवाही कर रहे हैं। शादी की रस्में पूरी होने के बाद विदाई से पहले अंजलि ने एक चिट्ठी। वहां मौजूद महंत प्रताप पुरी को दिया था। महंत प्रताप पुरी वहां मौजूद सभी लोगों के सामने पत्र पढ़ रहे थे।

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एनएच (NH) 68 पर बन रहा है गर्ल्स हॉस्टल

आपको बता दें कि NH-68 पर एक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण हो रहा है। इसे बनाने के लिए 50 से 75 लाख रुपए की जरूरत थी। बताया जा रहा है कि अंजलि के पिताजी ने गर्ल्स हॉस्टल बनाने के लिए 1 करोड़ रुपए देने का निर्णय लिया था। अब अंजली के दहेज के इन पैसों से हॉस्टल का ब चा हुआ निर्माण पूरा हो जाएगा। आस पड़ोस के गांव में अंजली और उसके पिताजी की खूब तारीफें हो रही है। अगर समाज में सभी लोग इसी तरह का कार्य करने लगे तो दहेज प्रथा जल्दी ही दूर हो सकता है।

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