इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष को 10 दिन से ज्यादा हो गया है। हमास संगठन और इज़राइल के बीच गाजा में इस संघर्ष रोकने को लेकर सहमति बनी है। 200 से ज्यादा लोगों की मौत और 11 दिनों की हिंसा के बाद सहमति बनी है। यह संघर्ष 21 मई की सुबह से चालू हो गया था। इतने दोनों से इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू पर दुनिया के कई नेता गाजा में सैन्य अभियान रोकने का दबाव बना रहे थे। इजराइल और फिलिस्तीन की मध्यस्थता के लिए पड़ोसी देश मिस्र ने करवाई की है।
सीजफायर प्रस्ताव सर्वसम्मति से मंजूर
20 मई को इज़राइल की सुरक्षा कैबिनेट ने मिस्र के सीजफायर प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी। इजराइली मीडिया के अनुसार, सीज़फायर 21 मई की सुबह 2 बजे के आस पास लागू किया गया था। हमास ने भी इसकी पुष्टि की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच 19 मई को बातचीत हुई । दोनों की बातचीत के दौरान जो बाइडेन ने कहा था, कि वो उसी शाम तक ‘लड़ाई में महत्वपूर्ण कमी’ चाहते हैं। इससे पहले तक बाइडेन इज़राइल को समर्थन दे रहे थे। लेकिन दोनों के बीच तनाव को कम करने की अपील नहीं की थी। बाइडेन पर भी उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी का काफी दबाव था कि वो नेतन्याहू को लड़ाई रोकने के लिए मनाए।
सीजफायर प्रस्ताव में मिस्र ने निभाई मुख्य भूमिका
सीजफायर का ऐलान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के बीच हुई फोन पर बातचीत के कुछ घंटों बाद ही हो गया। लंबे समय से मिस्र के अधिकारी इज़राइल और हमास के बीच मध्यस्थता कर रहे थे। कतर और जॉर्डन के राजनयिकों के साथ संयुक्त राष्ट्र भी शांति की अपील में जुटा था, लेकिन शांति की मध्यस्ता के लिए मुख्य भूमिका मिस्र की ही रही है।
बिना शर्तों’ के सीजफायर लागू
इजराइल की कैबिनेट की ओर से मिस्र के प्रस्ताव को मंजूर करते हुए कहा गया कि ‘पारस्परिक और बिना शर्तों’ के सीज फायर किया जाएगा। कैबिनेट का यह भी कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख मेयर बेन-शब्बात मिस्र के साथ सीजफायर समझौते को आखिरी रूप देने पर काम करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि अल-सीसी भी एक सुरक्षा डेलीगेशन को गाजा और इजराइल भेजेंगे। कुछ दिनों से मिस्र ने वेस्ट बैंक में रामल्लाह और इजराइल के तेल अवीव में सीज फायर की मध्यस्थता के लिए अपना डेलीगेशन एक से ज्यादा बार भेजा था।