Thursday, April 17, 2025
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“सेकेंड हैंड कार लेने से पहले ये 5 चीज़ें ज़रूर चेक करें!”

सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले जरूर चेक करें ये 5 बातें, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान!

नई कार खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन जब बजट साथ न दे तो सेकेंड हैंड कार खरीदना एक स्मार्ट विकल्प बन सकता है। हालांकि, पुरानी कार खरीदते वक्त अगर आपने कुछ जरूरी पहलुओं की अनदेखी कर दी, तो बाद में पछताना पड़ सकता है। इसलिए हम आपको बता रहे हैं 5 ऐसी जरूरी बातें, जिन्हें सेकेंड हैंड या यूज्ड कार खरीदते वक्त जरूर चेक करना चाहिए।

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1. बैटरी की स्थिति – खासतौर पर EV कार के लिए

आज के दौर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। लेकिन EV की सबसे महंगी चीज होती है उसकी बैटरी। अगर आप सेकेंड हैंड इलेक्ट्रिक कार खरीदने का सोच रहे हैं, तो सबसे पहले बैटरी हेल्थ रिपोर्ट जरूर चेक करें। बैटरी की क्षमता कम होने पर आपको कम ड्राइविंग रेंज मिलेगी और आपको बार-बार चार्जिंग की परेशानी झेलनी पड़ेगी।

➡️ टिप: बैटरी रिप्लेसमेंट की कीमत लाखों में हो सकती है, इसलिए बिना बैटरी चेक किए कोई EV न खरीदें।

2. मैकेनिक से पूरी जांच जरूर कराएं

पुरानी कार का बाहरी लुक देखकर धोखा न खाएं। गाड़ी के इंजन, ब्रेक, सस्पेंशन, क्लच और गियरबॉक्स की पूरी मैकेनिकल जांच किसी अनुभवी मैकेनिक से जरूर कराएं। इससे आपको कार के अंदर छुपी खराबियों की जानकारी मिल जाएगी और बाद में खर्च से बचाव होगा।

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➡️ टिप: टेस्ट ड्राइव लेते वक्त भी मैकेनिक को साथ रखें।

3. ट्रैफिक चालान और ड्यूज की स्थिति

कार खरीदने से पहले उसके RC नंबर से चालान स्टेटस जरूर चेक करें। कई बार गाड़ी पर भारी-भरकम ट्रैफिक चालान बकाया होते हैं, जिनका भुगतान आपको करना पड़ सकता है।

➡️ टिप: mParivahan या अन्य RTO वेबसाइट्स से चालान स्टेटस ऑनलाइन चेक किया जा सकता है।

4. गाड़ी के टायर्स की हालत

टायर बदलवाना महंगा सौदा हो सकता है। इसलिए गाड़ी खरीदने से पहले टायर्स की कंडीशन जरूर जांच लें। घिसे हुए टायर न सिर्फ खर्च बढ़ाते हैं, बल्कि सड़क पर हादसे की वजह भी बन सकते हैं।

➡️ टिप: टायर की ग्रिप, ट्रैड डेप्थ और कट्स पर ध्यान दें।

5. सर्विस रिकॉर्ड और इंश्योरेंस डिटेल्स

गाड़ी का पूरा सर्विस हिस्ट्री रिकॉर्ड देखना बेहद जरूरी है। इससे पता चलेगा कि कार का मेंटेनेंस ठीक से हुआ है या नहीं। साथ ही, वर्तमान इंश्योरेंस की वैधता भी जरूर जांचें।

➡️ टिप: गाड़ी में NCB (No Claim Bonus) ट्रांसफर हो सकता है, जिससे आपको प्रीमियम में छूट मिल सकती है।


निष्कर्ष:

सेकेंड हैंड कार खरीदना फायदे का सौदा तभी बनता है जब आप सही जांच-पड़ताल के बाद फैसला लें। ऊपर बताए गए पॉइंट्स को ध्यान में रखकर आप एक बेहतर डील कर सकते हैं और भविष्य में नुकसान से बच सकते हैं।

👉 अगर आप भी जल्द ही सेकेंड हैंड कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो इस आर्टिकल को सेव कर लें और शेयर करें ताकि दूसरे भी सतर्क हो सकें।

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