आपने कभी किस्मत पर विश्वास किया है। अगर नहीं किया है तो आज जिस व्यक्ति के बारे बात कर रहे है। उसके बारे में जान कर आपको किस्मत पर विश्वास होने लगेगा। एक व्यक्ति जाने अनजाने अरबपति बन गया। उसे बिल्कुल भी अंदाज नहीं था कि वह अरबपति (Billionaire) बन जायेगा। एक स्केच (Expensive Artwork) ने उसकी पूरी जिंदगी बदलकर रख दिया। आखिर उस स्केच में ऐसा क्या था। जिसने उस व्यक्ति को इतना अमीर बना दिया। जानिए पूरी खबर विस्तार से।
2100 रुपये में खरीदा आर्टवर्क, बस कुछ पल में बन गया अरबपति
अमेरिका (America) का एक व्यक्ति जाने अनजाने में एक आर्टवर्क (Expensive Artwork) खरीदकर घर लाया था। लेकिन जब उसे आर्टवर्क की असली कीमत का पता चला। तो उसके होश उड़ गए। दरअसल वह आर्टवर्क अपनी कीमत से कई गुना अधिक महंगा था। ये आर्टवर्क बेशकीमती है। फिर क्या था देखते देखते ही वह अरबपति हो गया। मिरर यूके की खबर के अनुसार उस व्यक्ति ने अपना नाम गोपनीय रखा है। वह व्यक्ति मैसाच्युसेट्स का रहने वाला है। उस व्यक्ति ने यह तस्वीर आर्टवर्क सेल से खरीदी थी। इस तस्वीर में मां-बच्चे का स्केच था। जो उस व्यक्ति ने केवल 2100 रुपये देकर खरीदा था।
पुनर्जागरण काल के जर्मन आर्टिस्ट का था आर्टवर्क
दरअसल इस आर्टवर्क (Expensive Artwork) की खास बात यह थी कि यह पीले रंग के लेनिन के कपड़े (Linen Fabrics) पर बनी थी। जो 15वीं शताब्दी में दुनिया के मशहूर मोनोग्राम्स अल्बर्शत डोरर (Albrecht Durer) ने बनाई थी। एक रिपोर्ट के अनुसार ये पुनर्जागरण काल (Renaissance Period) के जर्मन आर्टिस्ट (German Artists) के असली आर्टवर्क है। जो उस व्यक्ति ने 2100 रुपये में ख़रीदी था। इस आर्टवर्क की स्टडी के बाद इसकी असली कीमत लगभग 368 करोड़ रुपये आंकी गई है। जानकारों को इस पर विश्वास नहीं हो रहा कि इतनी कम कीमत में ये स्केच कैसे उस व्यक्ति के हाथ लग गई । इसे बेचने वाला व्यक्ति भी इससे अनजान था।
क्लिफोर्ड ने इस स्केच को लेकर कहा
एक कला संग्रह कर्ता क्लिफोर्ड शोरर ने कहा, “यह एक अविश्वसनीय क्षण था। जब मैने अल्बर्शत डोरर की कलाकृति देखी। वो एक उत्कृष्ट कलाकृति थी।” जिन्होंने ये स्केच बनाया था। वो अच्छे वुडकट प्रिंट के कारण पूरे यूरोप में अपनी प्रतिष्ठा और प्रभाव स्थापित किया। वो लियोनार्दो विंची समेत अपने समय के प्रमुख कलाकारों के संपर्क में थे। आपको बता दें कि उस व्यक्ति ने इस स्केच को मैसाच्युसेट्स में 2016 में दिवंगत वास्तुकार जीन-पॉल कार्लहियन के परिवार से खरीदा था।