उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM YogiAdityanath) लगातार राज्य में विकास के काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और सीएम योगी को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में एक साथ देखा गया है। दोनों मिलकर उत्तर प्रदेश का विकास कर रहे हैं। इस विकास को देखकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता इसलिए खुश नहीं है क्योंकि उनके पास राजनीति करने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। इस खबर के माध्यम से हम आपको सीएम योगी आदित्यनाथ के समर्थकों के साथ ही साथ उनके बारे में कई अन्य जानकारी भी देने वाले हैं। आइए आपको पूरी खबर विस्तार से बताते हैं।
संसद में भावुक हो गए थे सीएम योगी आदित्यनाथ
वर्ष 2007 जनवरी के महीने में गोरखपुर (Gorakhpur) के कई घर स्वाहा हो रहे थे। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में धर्म को लेकर एक दूसरे के ऊपर कई लोग असंवैधानिक काम कर रहे थे। इस मामले में दो लोग इस दुनिया को अलविदा भी कह गए थे। घर के साथ ही साथ दुकानें भी स्वाहा कर दी गई थी। इसी वजह से गोरखपुर में कई दिनों तक कर्फ्यू लगा दिया गया था। इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ को यूपी पुलिस (UP Police) द्वारा धरा गया था। क्योंकि सीएम योगी आदित्यनाथ इस समय गोरखपुर से सांसद के रूप में काम कर रहे थे।
आज भी सोशल मीडिया पर खूब देखा जाता है वीडियो
इस मामले के बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ संसद में भावुक होकर बयान देते हैं। उनके द्वारा गोरखपुर मामले को लेकर जानकारी देने के बाद भी सोशल मीडिया पर खूब चर्चाएं होती है। इस मामले का वीडियो आज भी आप देख सकते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जो संसद में कहा था वह हमारे देश के नागरिक कभी भी नहीं भूल सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि गोरखपुर में जब उत्तर प्रदेश पुलिस उन्हें अपने साथ लेने के लिए आई थी तब क्या हुआ था। सीएम योगी आदित्यनाथ को 2 किलोमीटर ले जाना में घंटों क्यों लगे थे।
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ये है पूरा मामला
पत्रकार विजय द्विवेदी (Journalist Vijay Dwivewdi) अपनी किताब “यदा यदा ही योगी” में 30 दिसंबर 2006 में इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को इस दुनिया से अलविदा कर दिया गया था। इस मामले पर हमारे देश के कई लोग प्रद र्शन कर रहे थे। यूपी के सीएम मुलायम सिंह भी इस मामले में उन लोगों को हवालात नहीं भेज रहे थे। ऐसे में सीएम योगी ने मुलायम सरकार को बर्खा स्त करने की मांग की और गोरखपुर बं द का आयोजन किया था। जब पुलिस उन्हें लेने गई थी तो पुलिस को उन्हें अपने साथ ले जाने में बहुत अधिक समय लगा था। क्योंकि सीएम योगी आदित्यनाथ के समर्थक उन्हें लेकर नहीं जाने दे रहे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ के समर्थक भी हजारों की संख्या में थे।