Saturday, March 22, 2025
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बुजुर्ग पिता को बेसहारा छोड़ने की दर्दनाक दास्तान.!

बुजुर्ग पिता को बेटों ने सड़क पर छोड़ा: कलियुग की दर्दनाक हकीकत!

मुंबई की सड़कों पर हाल ही में एक बुजुर्ग व्यक्ति का वीडियो वायरल हुआ, जिसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया। इस बुजुर्ग को उनके ही बेटों ने दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया था। यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि आज की स्वार्थी सोच का जीता-जागता उदाहरण है।

पिता की पूरी जिंदगी बच्चों के नाम, पर बुढ़ापे में सहारा नहीं

हर माता-पिता अपने बच्चों के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, उन्हें शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर देते हैं। लेकिन जब वही बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो कुछ निष्ठुर संतानें अपने माता-पिता की परवाह करना भूल जाती हैं।

मुंबई के धारावी इलाके में यह बुजुर्ग व्यक्ति कई दिनों से बिना कुछ खाए-पिए सड़कों पर पड़ा हुआ मिला। आसपास के लोगों ने जब उनकी स्थिति देखी, तो उनसे बात की। उनकी दास्तान सुनकर हर किसी की आंखें नम हो गईं।

बेटों ने किया बेघर, समाज ने दिखाया इंसानियत का चेहरा

बुजुर्ग व्यक्ति के अनुसार, उनके दो बेटे हैं। एक बेटा लंदन में रहता है और दूसरा एक वकील है। लेकिन दोनों ने ही अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लिया और अपने पिता को बेसहारा छोड़ दिया।

इस दर्दनाक स्थिति में जब किसी ने भी उनकी सुध नहीं ली, तब एक एनजीओ ने मानवता दिखाते हुए उन्हें सहारा दिया। बुजुर्ग को नहलाया-धुलाया गया, नए कपड़े दिए गए और रहने की उचित व्यवस्था करवाई गई। यह देखकर सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया उमड़ पड़ी और उन बेटों की कड़ी निंदा की गई जिन्होंने अपने पिता को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया।

बुजुर्ग पिता को बेसहारा छोड़ने की दर्दनाक दास्तान
बुजुर्ग पिता को बेसहारा छोड़ने की दर्दनाक दास्तान
सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा

सोशल मीडिया पर इस घटना ने हलचल मचा दी। लोगों ने अपने विचार साझा करते हुए लिखा कि ऐसे बेटे समाज के लिए कलंक हैं। किसी ने लिखा कि जो आज अपने माता-पिता के साथ ऐसा कर रहे हैं, कल उनके साथ भी यही होगा।

कई लोगों ने इस घटना को कलियुग की सच्चाई बताया और कहा कि माता-पिता की सेवा करने से ही असली पुण्य मिलता है। एनजीओ को लोगों ने धन्यवाद दिया और उनके इस कार्य की सराहना की।

 

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सीख: माता-पिता की सेवा ही असली धर्म

यह घटना हर उस व्यक्ति के लिए एक सबक है जो अपने माता-पिता की उपेक्षा करता है। माता-पिता के बिना हमारा अस्तित्व ही नहीं है, फिर उन्हें अकेले छोड़ देना कृतघ्नता की पराकाष्ठा है। इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि आज भी समाज में अच्छे लोग हैं, जो इंसानियत को जीवित रखे हुए हैं।

अगर आपके माता-पिता बुजुर्ग हो गए हैं, तो उन्हें प्यार और सम्मान दें। उनके संघर्षों को न भूलें क्योंकि आज आप जो कुछ भी हैं, वो उन्हीं की बदौलत हैं।

ये भी देखें:- शांतिदूतों से परेशान होकर “ये घर बिकाऊ है” दिल्ली के इस इलाके में हिन्दू के घरों में लगे पोस्टर.|

 

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