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Sunday, September 8, 2024

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TMC का तुगलकी फरमान, BJP कार्यकर्ताओं को कोई सामान नहीं बेचने का दिया आदेश

बंगाल में चुनाव के बाद भी बीजेपी(BJP) और तृणमूल कांग्रेस(TMC) के बीच एक दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ कम नहीं हो रहा है। बंगाल के एक गांव में भाजपा कार्यकर्ताओं को कोई सामान नहीं बेचने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने दुकानदारों के लिए तुगलकी फरमान जारी किया है। इस मामले के सामने आने के बाद भाजपा की तरफ से कड़ी निंदा की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस की तरफ से अभी तक कोई जवाबी प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

विद्यापति के जरिए फरमान दिया गया

जानकारी के अनुसार बंगाल राज्य के पश्चिम मेदिनीपुर जिले के गांव केशपुर के बूथ नंबर 176 और 179 में तृणमूल कांग्रेस की तरफ से भाजपा के 18 कार्यकर्ताओं को कोई सामान नहीं बेचने के लिए तृणमूल कांग्रेस की तरफ से आस पास के दुकानदारों के लिए तुगलकी फरमान जारी किया गया है। इसके लिए तृणमूल कांग्रेस पार्टी की स्थानीय इकाई महिषादल की तरफ बाकायदा पोस्टर जारी की गई है।

पोस्टर में सभी भाजपा कार्यकर्ताओं का नाम दर्ज है। जिस से यह साफ जाहिर होता है की तृणमूल कांग्रेस किस तरह सत्ता के नशे में पागल हो गई है। फरमान में कहा गया है कि पार्टी की इजाजत के बगैर इन भाजपा कार्यकर्ताओं को कोई सामान नहीं बेचा जा सकेगा। अगर कोई दुकानदार भाजपा कार्यकर्ताओं को सामान बेचता है यह वह खरीदने आते हैं और उन्हें अपने दुकान से सामान देता है। तब उनके साथ कुछ भी हो सकता है इसकी जिम्मेदारी हम नहीं लेते यह एक तरह का धमकी भरा फरमान है।

कई बड़े नेताओं ने की कड़ी निंदा

इस मामले को लेकर भाजपा की तरफ से घोर आपत्ति जताई गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारम, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा, राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता आदि ने ट्वीट कर इस घटना की कड़ी निंदा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा है कि “यह चौंकाने वाला फरमान है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से यह देखने का आग्रह करेंगे कि बंगाल में सभी नागरिकों की रक्षा की जाए और उन्हें बहिष्कृत या बुनियादी सुविधाओं से वंचित न किया जाए। नहीं तो बेहद शर्मनाक बात होगी।” भाजपा के राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता ने ट्वीट कर कहा है कि “बंगाल में सत्तारूढ़ दल की स्थानीय इकाई द्वारा तैयार की गई काली सूची अद्भुत है।”

TMC के बिगड़ते बोल

भाजपा कार्यकर्ताओं को टीएमसी धीरे-धीरे अपने क्षेत्र में बैन करती जा रही है। मीडिया की चुप्पी और पुलिस की मिलीभगत की आड़ में कार्यकर्ताओं के मनोबल और आर्थिक रीढ़ को तोड़ने का विचार है। इस समय ना तो मीडिया इस पर बातें करना चाहती है और ना ही पुलिस संज्ञान लेती दिख रही है। यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है। पूरे मामले को देखते हुए यह लगता है कि कहीं ना कहीं पुलिस की भी मिलीभगत जरूर है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट में कहा है कि यह असहिष्णुता” नहीं है, यह फासीवाद है। अफसोस की बात है कि ममता बनर्जी आज हत्या, अत्याचार और हिंसा की प्रतीक बन गई हैं। फासीवादी ममता। वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।” क्या टीएमसी चुप्पी साध कर खुद का बचाव करने में लगी हुई है।

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