चेन्नई (Chennai) के सैनिक स्कूल (Army School) में लेक्चर (Lecture) देने जा रहे सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) के हेलिकॉप्टर (Helicopter) गिरने से अब वो हमरे बीच नहीं रहे है। इससे पूरे देश में शो क की लहर है। देशवासियों को बिपिन रावत पर गर्व था। विपिन रावत देश की सेना के सबसे ऊंचे पद पर थे। इस पद को संभालने वाले वो पहले व्यक्ति थे। आइए आपको बताते उनसे जुड़ा एक किस्सा जिसमें उनका सैनिकों और उनके परिवार के प्रति सम्मान को दिखाता है।
रसूलन बीबी ने बिपिन रावत को समारोह में बनाया था मुख्य अतिथि
10 सितंबर 2017 का दिन था। पहली बार सीडीएस बिपिन रावत गाजीपुर (Gazipur) में शहीद वीर अब्दुल हमीद (Veer Abdul Hamid) के 52वें शहीद दिवस ( Martyrs’ Day) समारोह में गए थे। उन्होंने इस समारोह में शिरकत होने का निर्णय तब लिया जब स्वयं वीर अब्दुल हमीद की 90 साल की पत्नी रसूलन बीवी (Rasoolan Bibi) उन्हें बुलाने के लिए दिल्ली (Delhi) उनके आवास पर गयीं थीं। बिपिन रावत से मिलने के बाद रसूलन बीबी ने उन्हें गाजीपुर के धामपुर (Dhampur) गांव में हर वर्ष होने वाले अब्दुल हमीद की शहादत समारोह दिवस पर मुख्य अतिथि (Main Guest) के लिए बुलाया था।
रसूलन बीबी निमंत्रण देने के लिए पहुंची थी बिपिन रावत के घर
आपको बतादे कि वीर अब्दुल हमीद के पौत्र जमील आलम (Jamil Alam) ने बताया कि हर साल की तरह 10 सितंबर 2017 को उनके दादाजी परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के शहादत दिवस समारोह था। जिसमे में बिपिन रावत को मुख्य अतिथि के लिए निमंत्रित करने वह दिल्ली गए थे। उनके साथ उनकी 90 वर्षीय दादी रसूलन बीबी भी साथी थी। तब थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत उस समय देश में नहीं थे। तो उनको सूचना दी कि उनसे मिलने वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी आयी है। इस जानकारी के बाद जनरल रावत ने रसूलन बीबी को यह सूचना भिजवाई कि वह अगली सुबह भारत पहुंच रहे हैं। वह उनसे मिलना चाहते हैं।
बिपिन रावत ने मंच पर रसूलन बीबी के पैर छूकर लिए आशीर्वाद
आपको बता दे कि बिपिन रावत (Bipin Rawat) मुख्य अतिथि के रूप में मंच पर थे । उन्होंने रसूलन बीबी के पैर छूकर प्रणाम करने के साथ उनसे कहा कि आप मेरी मां (Mother) की तरह है। रसूलन बीबी ने बिपिन रावत को वीर अब्दुल हमीद के नाम पर एक रेजिमेंट (Regiment) स्थापित करने के लिए कहा। और साथ ही गाजीपुर में एक सैनिक स्कूल (Army School) खोले जाने की भी मांग रखी थी। उन्होंने यह भी कहा कि सेना की भर्ती गाजीपुर में लगातार कराई जाए। इन सभी मांगों पर जनरल रावत ने विश्वास (Belief) दिलाते हुए । इन्हें पूरा करने का आश्वासन भी दिया था।