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Saturday, July 27, 2024

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Bride Groom Oath: दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे लेने के बाद खाई ये कसम, कहा- न राम को..

Bride Groom Oath: राजस्थान के भरतपुर जिले से सामुहिक विवाह के दौरान धर्म परिवर्तन कराए जाने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि इस दौरान दूल्हा-दुल्हन को एक अलग तरीके की शपथ दिलाई गई है. इन्हे हिंदू देवी देवताओं को नहीं मानने की शपथ दिलाई गई है. सामुहिक विवाह के दौरान 11 युवक- युवतियों की शादी कराई गई है और उन्हें शपथ दिलाई गई है. वहीं, मामला सामने आने के बाद हिंदू महासभा ने विरोध जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. हालांकि सामूहिक विवाह सम्मेलन में उपखंड अधिकारी सहित कुछ अन्य अफसर शामिल हुए थे. लेकिन उनके जाने के बाद शपथ दिलाने की बात सामने आई है.

जानकारी के अनुसार,रविवार को सामूहिक विवाह सम्मेलन में 11 जोड़ों का सामूहिक विवाह करवाया गया था. इस मौके पर नव विवाहित जोड़ों का सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन करवाया गया. इन्होंने हिंदू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म ग्रहण किया. सभी को हिंदू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अपनाने की 22 शपथ दिलाई गई.

Bride Groom Oath

दिलाई गई ये शपथ

बताया गया कि समारोह में शपथ दिलाई गई कि मैं ब्रम्हा, विष्णु,महेश को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा. न ही इनकी पूजा करूंगा. मैं राम को ईश्वर नहीं मानूंगा और न ही पूजा करूंगा. मैं गौरी, गणपत आदि हिंदू धर्म के देवी-देवताओं को ईश्वर नहीं मानूंगा तथा बुद्ध की पूजा करूंगा. ईश्वर ने अवतार लिया है, जिस पर मेरा विश्वास नहीं है. मैं ऐसी प्रथा को पागलपन और असत्य समझता हूं. मैं कभी पिंड दान नहीं करूंगा. मैं बौद्ध धर्म के विरोध में कभी कोई बात नहीं करूंगा. यह शपथ बौद्ध धर्म के दो लोगों ने दिलवाई. सोमवार शाम को इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ.

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बौद्ध धर्म के प्रमुख भी थे मौजूद

इस मौके पर बौद्ध धर्म के प्रमुख विद्ववान और संत रविदास सेवा समिति के पदाधिकारी मौजूद थे. इस बारे में समिति के पदाधिकारी शंकर लाल से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह के माध्यम से संदेश दिया गया कि शादी समारोह में बेवजह का खर्चा नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज की 22 प्रतिज्ञाएं दिलवाई गई. ये प्रतिज्ञाएं बौद्ध धर्म का कवच हैं. बौद्ध धर्म को शुद्ध रखने के लिए ये प्रतिज्ञाएं दिलाई जाती हैं. उन्होंने कहा कि हम संत रविदास, भगवान बुद्ध और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के रास्ते पर चलकर ही इस तरह का आयोजन करते हैं.

 

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