हाल ही में शिवसेना(Shivsena) के नेता संजय राउत(Sanjay Raut) के घर पर प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने छापेमारी की थी. 1000 करोड़ से ज्यादा के पात्रा चौल ज़मीन घोटाला मामले में ED ने उनसे पूछताछ की थी. उनसे ED ने जमीन घोटाले को लेकर 27 जुलाई को तलब किया था. जब वह ED के अधिकारीयों के सामने पेश नहीं हुए तब अधिकारियों की टीम उनके घर पहुंची थी. जहाँ अभी संजय राउत पर ED ने शिंकजा कसा था. उसी कड़ी में अब और कई बड़े नेता शामिल हो सकते हैं. अब ये मामला काफी ज्यादा बड़ा होने वाला है. और ऐसा क्यों होने वाला है हम आपको इस खबर में बताएंगे. दरअसल महाराष्ट्र(Maharashtra) में बीजेपी(BJP) के नेता ने कई ट्वीट्स किए हैं, जिसमे उन्होंने दवा किया है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का बड़ा नेता जेल जाने वाला है. उनके इस दावे में बाद हलचल अब तेज़ हो गई है. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस(Devendra Fadnavis) के करीबी माने जाने वाले मोहित कंबोज(Mohit Kamboj) के ट्वीट का मकसद “अस्थिर शिंदे सरकार” को उबारने के लिए उनपर दबाव बनाना है.
मोहित कम्बोज(Mohit Kamboj) ने ट्वीट कर कही ये बड़ी बातें
मंगलवार की रात को मोहित कम्बोज ने ट्वीट ट्वीट करते हुए कहा कि तत्कालीन मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक, शिवसेना सांसद संजय राउत और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे की गिरफ्तारी के बारे में उनकी पूर्व की भविष्यवाणी सच साबित हुई थी और इस मामले में उनकी स्ट्राइक रेट 100 प्रतिशत थी.
अजित पवार(Ajit Pawar) को साल 2019 में मिली थी क्लीन चिट
हालाँकि मोहित कम्बोज ने अपने ट्वीट में एनसीपी के किसी नेता का नाम नहीं लिया था. काम्बोज ने कहा था कि सिंचाई घोटाले की फिर से जांच की जानी चाहिए, जिसे 2019 में तत्कालीन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के चीफ़(Cheif) परमबीर सिंह(Parambir Singh) ने बंद कर दिया था. एनसीपी नेता अजीत पवार(Ajit Pawar) को 2019 में इस मामले में क्लीन चिट मिल गई थी. मोहित कंबोज ने आगे कहा कि वह जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और इस एनसीपी नेता की भारत और विदेशों में सभी बेनामी संपत्तियों का विवरण सबके सामने लेकर आएँगे.
मनोज कम्बोज के ट्वीट पर बड़ा हंगामा
बीजेपी नेता मनोज कम्बोज के इस ट्वीट के बाद जमकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे(Ambadas Danve) ने सवाल किया कि एक भाजपा नेता केंद्रीय एजेंसियों की ओर से किसी भी संभावित कार्रवाई के बारे में पहले से कैसे जान सकते हैं. उन्होंने कहा, “यह दिखाता है कि ये एजेंसियां बीजेपी के हाथों में कैसे खेल रही हैं. यह और कुछ नहीं बल्कि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी(MVA ) के नेताओं को धमकाने का एक ज़बरदस्त प्रयास है.
एनसीपी(NCP) ने किया बीजेपी पर पलटवार
एनसीपी के नेता और पूर्व मंत्री शशिकांत शिंदे(Shashikant Shinde) ने कहा है कि नए सत्र की पूर्व संध्या पर काम्बोज का ट्वीट विपक्ष को चुप कराने की कोशिश की गई है. उन्होंने आगे कहा कि , ‘ट्वीट मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर आए हैं जिससे बीजेपी की मंशा पूरी तरह से स्पष्ट हो गई चुकी है. इस मामले में काफी पहले क्लीन चिट दे दी गई थी. अगर राज्य सरकार मामले की फिर से जांच करना चाहती है, तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन किसी भी नेता को कारावास की धमकी देने के लिए नहीं. ये अनुचित है’.