असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा ने उत्तरप्रदेश का योगी मॉडल असम में लागू कर दिया है। प्रशासन ने असम के मोइराबारी क्षेत्र में स्थित एक मदरसे पर बुलडोज़र चला दिया है। इसकी सूचना मोरीगांव जिले की पुलिस अधीक्षक (एसपी) अपर्णा एन ने दी। पहले प्रशासन ने जिहादी गतिविधियों के लिए एक मदरसे को सील कर दिया था और बाद में गुरुवार सुबह बुलडोजर चला दिया।
हिमंत बिस्वा सरमा ने जिहादी कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गई सरकार की बुलडोजर कार्रवाई का बचाव किया है। विपक्ष और इस्लामिक कट्टरपंथी प्रशासन को घेरते हुए बिस्वा पर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने का इलज़ाम लगा रहे है, वही बिस्वा सरकार ने उन सभी को जवाब देते हुए कहा की राज्य में असामाजिक कार्य नहीं चलेंगे,
इस्लामी कट्टरपंथियों के लिए एक केंद्र बनता जा रहा है
सरमा ने कहा कि अधिकारियों ने आज मोरीगांव में एक मदरसे को ध्वस्त कर दिया जिसे मुस्तफा उर्फ मुफ्ती मुस्तफा चला रहा था। मुस्तफा को हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों ने बांग्लादेश स्थित आतंकवादी समूह, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के साथ कथित संबंधों के लिए गिरफ्तार किया था।
असम के मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए बताया की “यह उचित संदेह से परे साबित हो गया है कि असम इस्लामी कट्टरपंथियों के लिए एक केंद्र बनता जा रहा है। जब आप पांच मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हैं और अन्य पांच बांग्लादेशी नागरिकों के ठिकाने का पता नहीं चलता है, तो आप गुरुत्वाकर्षण की कल्पना कर सकते हैं, ”
मदरसे में पढ़ रहे थे 43 छात्र
बिस्वा ने ध्वस्त मदरसे के विषय में बात करते हुए कहा की “मोरीगांव में आज आपदा प्रबंधन अधिनियम और यूएपीए के तहत जमीउल हुडा मदरसा को तोड़ा गया। इस मदरसे में 43 छात्र पढ़ रहे थे, जिनका अब अलग-अलग स्कूलों में दाखिला हो गया है। मुस्तफा उर्फ मुफ्ती मुस्तफा ने 2017 में भोपाल से इस्लामिक कानून में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी, ”
आपको बता दे की बलों ने इस साल मार्च में बारपेटा से अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) से जुड़े छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इस टीम का सरगना एक बांग्लादेशी नागरिक था जो अवैध रूप से भारत में घुसा था