कभी सुना है आपने हवा में खेती होती है। अगर नहीं सुना तो कोई बात नहीं लेकिन आज के तकनीक के समय मे, हवा में भी आलू की खेती हो रही है इस तकनीक का नाम है एयरोपोनिक पटेटो फार्मिंग।
इसके द्वारा बिना मिट्टी और जमीन के भी आलू की खेती संभव है। आइए आपको इसके बारे में और जानकारी देते हैं। एयरोपोनिक पटेटो फार्मिंग एक ऐसी तकनीक है जो बिना मिट्टी और जमीन के खेती करने की प्रक्रिया को भी संभव बना देती है।
एयरोपोनिक तकनीक का इज़ाद हरियाणा के करनाल जिले में हुआ। जिले में स्थित एक आलू प्रोधोगिकी केंद्र में इसकी शुरुआत की, इस तकनीक की खास बात यह है कि यह बिना मिट्टी और जमीन के आलू की खेती को संभव बना देती है व इसके इस्तेमाल से जमीन के मुकाबले 10 गुना तक पैदावार को बढ़ाया जा सकता है। सरकार भी इस तरह की खेती को प्रोत्साहित कर रही है और खेती करने की मंजूरी भी दे दी है।
करनाल में स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र का अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (इंटरनेशनल पटेटो सेंटर) से एमओयू साइन हुआ है। एमओयू साइन होने के बाद भारत सरकार ने भी हरी झंडी दे दी है व भारत सरकार ने बागवानी विभाग को यह जिम्मेदारी दी है कि वह सभी किसान भाइयों को इसकी जानकारी उपलब्ध करवाएं और खेती की पैदावार को भी बढ़ाएं।
इस तकनीक से खेती करने में किसान भाइयों को बहुत फायदा होगा क्योंकि इससे लागत कम से कम 80 से 90% घट जाएगी और पैदावार 10 गुना ज्यादा तक बढ़ जाएगी। ज्यादा पैदावार से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। तकनीकी विशेषज्ञ बताते हैं कि इस तकनीक से नीचे लटकती हुई आलू की जड़ों को हवा के द्वारा पोषण दिया जाता है जिसके बाद उन्हें मिट्टी और ज़मीन की जरूरत नहीं पड़ती और हवा में ही आलू की खेती हो जाती।
भारत जैसे देश में ज्यादातर किसान परंपरागत खेती करते हैं जिसमें जमीन का इस्तेमाल होता है लेकिन इस तकनीक से जब किसान भाई खेती करेंगे तो वह कम जगह में ज्यादा पैदावार कर पाएंगे। जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी और इस तकनीक का यह भी फायदा है कि आलू के बीज के उत्पादन को भी 2 से 3 गुना तक बढ़ाया जा सकता है और अब यह तकनीक हरियाणा से निकल कर पूरे भारत के अन्य जिलों में भी अपने पैर पसार रही है और इस तरह की नई-नई तकनीकों के आने से किसानों को बहुत फायदा पहुंच रहा है। जो देश के साथ-साथ किसान भाइयों के लिए भी बेहतर है ऐसे ही ऐसी ही रोचक कहानियां पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट ओ न्यूज़ हिंदी को लाइक और फॉलो करें।