आज से कुछ साल पहले किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि भारत में एलेक्ट्रिक वाहनों का उद्योग इतनी तेजी पकड़ लेगा। जहां एक तरफ चार्जिंग करके वाहनों को चलाना लोग परेशानी भरा काम समझते थे उससे कहीं ज्यादा आसान ईंधन भरवा कर अपने वाहनों को चलाना समझते थे लेकिन वर्तमान हालात में जहां तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं और सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी दे रही है तो इससे लोगों की सोच पर भी प्रभाव पड़ा है और लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुख करने लगे हैं।
भारत के सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की माने तो साल 2020 सभी के लिए चुनौती लेकर आया। इस महामारी के बीच सबलोग निजी वाहनों से चलना पसंद कर रहे हैं। इसी वजह से भारत मे एलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 20 फीसदी तक बड़ी हैं। जहां एक तरफ तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है वहीं दूसरी तरफ इलेक्ट्रिकल व्हीकल लोगों के लिए ऑप्शन बन रहे हैं और ऐसे इलेक्ट्रिकल वाहनों पर, आकर्षक छूट लोगों को और ज्यादा आकर्षित कर रही है।
भारत के दक्षिण में स्थित पुणे की एक कंपनी, नेक्सजू मोबिलिटी एक इंडियन स्टार्टअप है जो भारत में ही साइकिल का निर्माण करता है। इस कंपनी के मालिक अतुल्य मित्तल हैं जिन्होंने हावर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की है। अतुल्य बताते हैं एक बार उन्होंने अपनी कंपनी ‘पापा जॉन इंडिया’ पिज़्ज़ा डिलीवरी के लिए एक इलेक्ट्रिकल साइकिल ढूंढने की कोशिश की, जिससे वह डिलीवरी करवा सकें और उस समय तेल की कीमतें बढ़ रही थी लेकिन अतुल्य को कहीं भी कोई एक अच्छी साइकिल नहीं मिली जिससे उन्हें बड़ा दुख हुआ। फिर आगे चलकर अतुल मित्तल ने ई-साइकिल बनाने के बारे में सोचा जो लोगों को बेहद ही कम दाम पर ज्यादा किलोमीटर की रेंज देने में सक्षम हो और फिर इन्होंने इस पर काम करना शुरू किया। पिछले एक 2 साल से उनके काम में तेजी भी आई है।
अतुल मित्तल बताते हैं कि आज के समय में इलेक्ट्रिकल साइकिल या स्कूटर खरीदना एक फायदे का सौदा है। यदि हम एक इलेक्ट्रिक साइकिल की बात करें तो 0.2 किलोमीटर की दर से खर्च उठाता है वही दूसरी तरफ ईंधन से चलने वाले स्कूटर 1.5 रुपए प्रति डर से खर्च उठाते हैं। आज की महंगाई को देखते हुए इलेक्ट्रिकल वाहन वाहन खरीदना कोई भी घाटे का सौदा नहीं है अतुल बताते हैं कि उनकी साइकिल ₹10 की बिजली में डेढ़ सौ किलोमीटर और स्कूटर 80 किलोमीटर तक चल सकता है तो यह फायदे का सौदा ही है।
नेक्सजू मोबिलिटी अपने उत्पाद पूरी तरीके से इंडिया में ही बनाती है तो यह ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देती है। बस इसमें लगने वाली बैटरी ही बाहर से आयात की जाती है जो अभी तक भारत में नहीं बनती। साइकिल और स्कूटर के सारे कलपुर्जे भारत में ही निर्मित होते हैं और असेंबल किए जाते हैं। ऐसे में इस कंपनी की आप साइकिल खरीदेंगे तो देश का पैसा देश में ही रहेगा। फ़िलहाल कंपनी के साइकिल के 2 मॉडल आते हैं एक रोंपस (ROMPUS) और दूसरा है
रोडलार्क (ROADLARK)
रोंपस मॉडल की कीमत ₹31980 है जबकि दूसरे मॉडल रोडलार्क की कीमत ₹42317 है यह कीमत आपको एक साइकिल के लिए शायद ज्यादा लगे लेकिन मेंटेनेंस और ईंधन के खर्च के हिसाब से कही बेहतर है और दूसरे ईंधन से चलने वाले वाहनों से सस्ती है।
महाराष्ट्र के नज़दीक पुणे में कंपनी अपनी इस साइकिल का निर्माण कर रही है। साइकिल को आप स्कूटर या बाइक के तौर पर भी इस्तेमाल में ला सकते हैं। क्योंकि इस साइकिल में 36V, 250 WUB HUB ब्रशलेस DC मोटर दिया गया है। जो एक मोटरसाइकिल के बराबर ताकत देता है। साथ ही मोटर को पावर देने के लिए 36V, 5.2 MAh की बैटरी दी गई है। इससे साइकिल लंबी दूरी तय कर करने में सक्षम है।
साइकिल 2.5 वोल्ट से तीन घंटे में फुल चार्ज किया जा सकता है। इसको चार्ज करने के लिए, मोबाइल चार्ज करने वाले साॅकेट से भी चार्ज किया जा सकता है। एक बार फुल चार्ज में रोंपस 30 किलोमीटर से ज़्यादा दूरी तय कर सकती है, वही रोडलार्क 80 से ज़्यादा किलोमीटर तक जा सकती है। मजे की बात ये है कि इन दोनों ही साइकिलों में पैडल मोड भी मिलता है। आप चाहो तो बैटरी की बजाय पैडल से भी चला सकते हैं। कंपनी नई साइकिल पर 18 महीने की वारंटी देती है, जिसमें बैटरी और मोटर की वारंटी शामिल होती है।
कंपनी ने ग्राहकों के शौक को भी ध्यान में रखा गया है और इसे चार कलर में पेश किया गया है जिसमें लाल नीला सिल्वर और ब्लैक शामिल है इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए स्टील एलॉय बॉडी के साथ बनाया गया है और साइकिल में 26 इंच के टायर व फोम की आरामदायक सीट दी गयी है।
जो भी इस साइकिल को खरीदना चाहता है वह अपने नजदीकी नेक्सजू डीलरशिप के पास से खरीद सकता है। साथ ही कंपनी की वेबसाइट पर जाकर भी ग्राहक आर्डर कर सकता है। इस साइकिल को आप कुछ समय बाद अमेजन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) के जरिए भी खरीद पाएंगे।