एक तरफ किसान पिछले कुछ महीनों से लगातार दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर बैठे हुए है। वह केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों (Farm Bill) को वापस लेने की मांग कर रहे है। अब तो किसान नेता राजनीति करने लगे है। कृषि बिल से अब उन्हें कोई मतलब नहीं है। किसान नेता देश को आगे बढ़ाने की जगह अब पीछे ले जा रहे है। अब वह संसद के बाहर किसान संसद लगा रहे है। इस बीच गुजरात (Gujrat) के एक युवा किसान ने ऐसा आविष्कार कर दिया है। जिस पर विश्वास नहीं होता है। इस आर्टिकल में हम आपको इस युवा किसान के बारे में बताने जा रहे है और उनके द्वारा किये गए आविष्कार के बारे में बताएंगे।
गुजरात के युवा किसान ने बनाया रोबोट
महेश अहीर (Mahesh Ahir) नाम के युवा किसान ने एक रोबोट (Robot) बनाया है। यह रोबोट बोरवेल में बड़ी आसानी से जा सकता है। इस रोबोट के माध्यम से बोरवेल में गिरे बच्चों को आसानी से 20 मिनट के अंदर रेस्क्यू (Rescue) करके बचाया जा सकता है। रोबोट में आगे एक हाथ के समान संरचना है, जो बच्चों के हाथ या पैर को पकड़ सकती है। बोरवेल में साँस लेने में सबसे ज्यादा दिक् कत होती है। इसको ध्यान में रखते हुए रोबोट में ऑक्सिजन (Oxygen) सपोर्ट सिस्टम भी है। इसके अलावा रोबोट में माइक्रोफोन है। जिसके माध्यम से बोरवेल में गिरे बच्चे से बात की जा सकती है। रोबोट कैमरा से भी लैस है, जो बोरवेल में गिरे बच्चे की तस्वीर ले सकता है।
रोबोट बनाने में आया 17 लाख का खर्च
महेश अहीर ने मध्यप्रदेश में माही नाम की एक बच्ची के बोरवेल में गिरने की खबर देखी। बच्ची को बचाने के लिए NDRF की टीम ने 3 से 4 दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। जब बच्ची को बोरवेल से निकाला गया तब तक वह इस दुनिया को अलविदा कर चुकी थी। इसके बाद ही उनके मन में ऐसा कुछ बनाने का विचार आया। महेश अहीर ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। अपने ज्ञान का इस्तेमाल करते हुए महेश ने कुछ सालों के अंदर इस रोबोट को तैयार किया। O News से बातचीत करते हुए महेश अहीर ने बताया कि वह इस रोबोट के तीन संस्करण बना चुके है। उन्होंने बताया कि इसको बनाने में अब तक कुल 17 लाख रुपये का खर्च आया है।
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देश की सेवा के लिए ठुकराया 3 करोड़ का ऑफर
महेश अहीर का रोबोट बहुत ही अच्छा है। यह महज 20 मिनट के अंदर बोरवेल में गिरे बच्चे को सकुशल बाहर निकाल सकता है। अब उनके इस अविष्कार से प्रिंस और माही जैसे न जाने कितने मासूम बच्चों की जान बचाई जा सकती है। एक टेक कंपनी ने उनके रोबोट में दिलचस्पी दिखाते हुए महेश को 3 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था। मगर महेश ने देश के विकास के लिए इस ऑफर को ठुकरा दिया। वह इसे देश को समर्पित करना चाहते है।