भारत में घुसकर बांग्लादेशियों ने BSF जवान को खींचा सीमा पार, कुछ घंटों में हुआ चमत्कारी रेस्क्यू!
📍 मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल | 5 जून 2025
भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा में भारी सेंध लगाते हुए बांग्लादेशी नागरिकों ने भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक जवान को अगवा कर सीमा पार ले जाने की सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया। हालांकि BSF की तत्परता और कूटनीतिक दबाव के चलते जवान को चंद घंटों में सुरक्षित वापस लाया गया।
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क्या हुआ था उस सुबह?
घटना बुधवार सुबह नूरपुर इलाके के सुतियार सेक्टर में हुई। जानकारी के अनुसार, 71वीं बटालियन के जवान श्रीगणेश बॉर्डर पर गश्त कर रहे थे, जब उन्होंने कथलिया गांव के पास संदिग्ध घुसपैठियों को देखा। उन्होंने मानवीय भाव दिखाते हुए कुछ लोगों से संवाद की कोशिश की, लेकिन यह एक जाल साबित हुआ।
उन्हीं में से कुछ असामाजिक तत्वों ने अचानक जवान को जबरन खींच लिया और चपई नवाबगंज (बांग्लादेश) की ओर ले गए। यह पूरी घटना भारत की सीमा के भीतर हुई, BSF की आंतरिक जांच ने इस बात की पुष्टि की।
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BSF की तेजी और BGB से तालमेल ने बचाई जान
BSF अधिकारियों ने तुरंत बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) से संपर्क कर घटना की जानकारी दी। मामले को गंभीरता से लेते हुए BGB ने हस्तक्षेप किया और स्थानीय प्रशासन की मदद से जवान को सुरक्षित रिहा कराया गया।
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:
“जवान अब पूरी तरह सुरक्षित हैं और अपनी यूनिट में वापस लौट चुके हैं। हमने इस घटना को डिप्लोमैटिक चैनलों के जरिए उठाया है।”
सुरक्षा तंत्र पर उठे सवाल, लेकिन तत्परता से टली बड़ी अनहोनी
यह घटना भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा स्थिति पर गहरे सवाल खड़े करती है। अगर BSF समय पर BGB से संपर्क नहीं करता, तो एक अंतरराष्ट्रीय विवाद खड़ा हो सकता था।
विशेषज्ञों के अनुसार:
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सीमा पर गश्त करने वाले जवानों को और बेहतर तकनीकी संसाधन व सुरक्षा किट दी जानी चाहिए।
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दोनों देशों के बीच समन्वय और संचार व्यवस्था को और मज़बूत करना ज़रूरी है।
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यह सिर्फ एक घटना नहीं – यह चेतावनी है
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बॉर्डर सिक्योरिटी केवल हथियारों से नहीं, सतर्कता, प्रशिक्षण और दोनों देशों के बीच भरोसे से चलती है। जवान की रिहाई भले ही हो गई, लेकिन यह घटना सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की मांग करती है।
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