Tuesday, May 20, 2025
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Trump की मना करने के बावजूद Apple ने भारत में किया निवेश

Ignoring Trump’s Warning, Apple Invests $1.24 Billion in India to Boost iPhone Production and Exports

एपल ने ठुकराई ट्रंप की सलाह, भारत में 12,800 करोड़ का निवेश! ‘iPhone इंडिया मेड’ का सपना साकार

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अमेरिकी दबाव और डोनाल्ड ट्रंप की स्पष्ट चेतावनी के बावजूद, एपल ने भारत में बड़ा दांव खेल दिया है। Foxconn, जो एपल की प्रमुख सप्लायर कंपनी है, ने तमिलनाडु यूनिट में 12,800 करोड़ रुपये (1.24 बिलियन डॉलर) का भारी-भरकम निवेश कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब एपल अपने मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा हिस्सा चीन से हटाकर भारत में शिफ्ट करने की रणनीति पर तेज़ी से काम कर रहा है।

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31 लाख iPhone एक्सपोर्ट – भारत बना एपल का नया ग्लोबल हब

सिर्फ मार्च 2025 में भारत से 31 लाख iPhones का निर्यात हुआ है। यह आंकड़ा न केवल भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को दर्शाता है, बल्कि यह भी साफ करता है कि एपल अब भारत को अपनी मैन्युफैक्चरिंग बैकबोन बनाने में जुटा है।

वित्त वर्ष 2025 में Foxconn की भारत से आय 20 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी है। इसका सीधा श्रेय भारत में iPhone प्रोडक्शन को जाता है।

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‘Make in India’ से जुड़ रही ग्लोबल टेक दिग्गजें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की Make in India पहल अब वैश्विक ब्रांड्स को आकर्षित कर रही है। एपल द्वारा उठाया गया यह कदम इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत अब केवल एक बड़ा बाजार नहीं, बल्कि ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग सेंटर भी बनता जा रहा है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब विश्वभर में बनने वाले iPhones का 15% भारत में तैयार होता है। 2025 के अंत तक इसे बढ़ाकर 6 करोड़ यूनिट करने का लक्ष्य रखा गया है।

Apple India Investment Despite Trump Warning
Apple India Investment Despite Trump Warning

डोनाल्ड ट्रंप की सलाह को नजरअंदाज, भारत बना एपल की प्राथमिकता

जहां एक ओर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Apple को चीन के विकल्प के रूप में भारत पर दांव न लगाने की सलाह दी थी, वहीं एपल ने ठेंगा दिखाते हुए भारत में निवेश बढ़ा दिया है। इससे साफ है कि ग्लोबल कंपनियां अब जियो-पॉलिटिकल दबावों के बजाए इकोनॉमिक लॉजिक पर फोकस कर रही हैं।

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ओपिनियन

भारत में एपल का यह आक्रामक निवेश न सिर्फ देश के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भारत की इकोनॉमिक सॉवरेनिटी और मैन्युफैक्चरिंग पावर को भी स्थापित करता है। ट्रंप जैसी वैश्विक राजनीतिक हस्तियों की आपत्तियों को दरकिनार कर एपल का यह कदम आने वाले वर्षों में भारत को ग्लोबल टेक मैन्युफैक्चरिंग हब बना सकता है।


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