बांग्लादेश चीन से खरीदेगा खतरनाक मिसाइल सिस्टम, भारत के लिए बढ़ी चिंता
नई दिल्ली। पाकिस्तान की हालिया पराजय और क्षेत्रीय सुरक्षा समीकरणों में बदलाव के बीच अब बांग्लादेश ने भी अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। बांग्लादेश की सेना चीन की रक्षा कंपनी वैनगार्ड से घातक मिसाइल सिस्टम और फायर कंट्रोल रडार खरीदने की तैयारी में है। इस डील में HQ-17AE और FK-3 मिसाइल सिस्टम शामिल हैं, जो बांग्लादेश की रक्षा क्षमता को नई ऊंचाई देंगे।
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HQ-17AE और FK-3: कितनी घातक हैं ये मिसाइलें?
HQ-17AE एक कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जिसे चीन ने रूसी TOR-M1 तकनीक के आधार पर विकसित किया है। यह प्रणाली 1.5 से 15 किलोमीटर की रेंज में उड़ने वाले दुश्मन के ड्रोन, फाइटर जेट्स और क्रूज़ मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है।
वहीं, FK-3 एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो 100 किलोमीटर तक की दूरी पर लक्ष्य भेद सकती है। यह मिसाइल सिस्टम पहले ही सऊदी अरब, सर्बिया और ताजिकिस्तान जैसे देशों को निर्यात की जा चुकी है।
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बांग्लादेश सेना की चीन से बातचीत, हथियार सौदे पर बनी सहमति
13 मई को बांग्लादेश सेना के मास्टर जनरल ऑफ ऑर्डिनेंस विंग के मेजर जनरल अबू बकर सिद्दीकी खान और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने चीन की वैनगार्ड कंपनी के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस दौरान HQ-17AE, FK-3 मिसाइलों और JSG फायर कंट्रोल रडार सिस्टम की खरीद पर विस्तृत चर्चा हुई।
भारत के लिए बढ़ी रणनीतिक चिंता
बांग्लादेश का चीन से यह रक्षा सौदा भारत के लिए कूटनीतिक और रणनीतिक रूप से चिंता का कारण बन सकता है। हाल के वर्षों में भारत-बांग्लादेश संबंधों में गिरावट आई है। खासकर प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद नई यूनुस सरकार पाकिस्तान और चीन के साथ नजदीकी बढ़ा रही है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि यह डील फाइनल होती है, तो इससे बांग्लादेश की मिसाइल क्षमता में जबरदस्त इजाफा होगा और यह भारत की पूर्वी सीमा पर सुरक्षा के लिहाज से एक नई चुनौती खड़ी करेगा।
क्या भारत तैयार है इस खतरे से निपटने को?
भारत के पास पहले से ही अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम जैसे AKASH, SPYDER और S-400 तैनात हैं, लेकिन पूर्वी मोर्चे पर किसी भी बदलाव की स्थिति में रणनीति को फिर से मजबूती देने की जरूरत है। बांग्लादेश के इस कदम से चीन की ‘String of Pearls’ नीति को भी बल मिलेगा, जो भारत को चारों ओर से घेरने की रणनीति का हिस्सा मानी जाती है।
🔴 निष्कर्ष:
बांग्लादेश का चीन से हथियार खरीदने का यह फैसला न केवल क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित करेगा, बल्कि भारत की सुरक्षा नीति के लिए भी नई दिशा तय करेगा। आने वाले समय में यह सौदा दक्षिण एशिया की सैन्य कूटनीति का अहम मोड़ बन सकता है।