दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता Arvind Kejriwal ने शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि “यदि सहकारी संघवाद एक मजाक बन जाता है, तो यह बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जात है”.उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में यह घोषणा की, जहां उन्होंने उनसे गैर-भाजपा सरकार को भी काम करने देने का आग्रह किया है.
Arvind Kejriwal ने क्या लिखा ख़त में ?
Arvind Kejriwal ने अपने पत्र में कहा कि ”कल नीति आयोग की बैठक है. नीति आयोग का काम सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना और भारत के लिए विजन तैयार करना है. हालांकि, जिस तरह से लोकतंत्र को निशाना बनाया गया है और गैर-बीजेपी सरकारों को गिराया जा रहा है और काम नहीं करने दिया जा रहा है, तो यह नए भारत का विजन नहीं है और न ही सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप है.”
अगर देश के प्रधानमंत्री ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को मानने से मना करते हैं तो लोग फिर न्याय के लिए कहाँ जाएँगे ?
प्रधानमंत्री जी, आप देश के पिता समान हैं। आप ग़ैर बीजेपी सरकारों को काम करने दें, उनका काम रोकें नहीं
लोग आपके अध्यादेश से बहुत नाराज़ हैं। मेरे लिए कल की नीति आयोग… pic.twitter.com/LN3YtFnfDs
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 26, 2023
गैर-भाजपा सरकार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ वर्षों में यह संदेश दिया जा रहा है कि अगर कोई राज्य गैर-भाजपा सरकार चुनने का विकल्प चुनता है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
केंद्र पर निशाना साधते हुए Arvind Kejriwal ने कहा, “या तो गैर-बीजेपी सरकारों को विधायकों को खरीदकर गिराया जाता है या गैर-बीजेपी सरकारों के विधायकों को सीबीआई या ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई से डराया जाता है.”
उन्होंने आरोप लगाया कि अगर विधायक नहीं झुकते हैं तो गैर-बीजेपी सरकारों के लिए अध्यादेश लाए जाते हैं या राज्यपालों के माध्यम से उन्हें काम नहीं करने दिया जाता है.उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के फैसले का हवाला देते हुए कहा, “आठ साल की लंबी लड़ाई के बाद, दिल्ली के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में जीत हासिल की और फिर शीर्ष अदालत के आदेशों को नकारने के लिए आपकी सरकार द्वारा एक अध्यादेश लाया गया.” Arvind Kejriwal ने कहा कि अगर आज दिल्ली सरकार का कोई भी अधिकारी काम नहीं करता है तो वह उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है.केजरीवाल ने पूछा कि “सरकार ऐसे परिदृश्य में कैसे काम करेगी? ऐसे में सरकार को काम नहीं करने दिया जाता है.आप दिल्ली सरकार को काम क्यों नहीं करना चाहते हैं? क्या यही है नए भारत का सपना? क्या यह सहकारी संघवाद है?”