Bajrang Dal: दिल्ली के BSF छावला केंद्र के पास एक काफी प्राचीन हनुमान मंदिर स्थित है.इस मंदिर से छावला के स्थानीय लोगों का जुड़ाव काफी गहरा है. गांव के लोगो का कहना है कि इस मंदिर को साजिश के तहत तोड़ने का प्लान दिल्ली सरकार के द्वारा बनाया गया है. गांव के लोगों का कहना है कि उसी गांव के आस पास कई ऐसी मजारें हैं जो अनधिकृत रूप से बनाई गई है जिस पर दिल्ली सरकार चुप्पी साधे बैठी है. लेकिन हिन्दुओं के प्राचीन “हनुमान मंदिर” पर ये सरकार बुलडोज़र चलाने की बात कर रही है.
12 जून 2023 को इस प्राचीन हनुमान मंदिर को तोड़ने का आदेश SDM के द्वारा दे दिया गया था. लेकिन ये बात जब गांव वालों को पता चली तो गांव वालों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. गांव वालों के साथ Bajrang Dal और विश्व हिन्दू परिषद् के लोग कंधे से कन्धा मिलाकर एक साथ खड़े नज़र आए. Bajrang Dal के लोगों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को केजरी खान के नाम से सम्बोधित करते हुए हिन्दुओं का दुश्मन बताया.
मजारों को छोड़ मंदिरों पर हो रहा प्रहार: Bajrang Dal
धरना दे रहे रहे गांव के स्थानीय निवासी के साथ -साथ Bajrang Dal का ये भी कहना है की केजरीवाल की सरकार मजारों को छोड़ कर सिर्फ काली मंदिर, हनुमान मंदिर को तोड़ने के पीछे लगी है. लोगों ने बताया की दिल्ली सरकार इस हनुमान मंदिर को तोड़ कर वहां दारु के ठेकों और मांसाहारी वस्तुओं की बिक्री करना शुरू करना चाहती है.उनकी मंशा पर सबसे बड़ी रुकावट ये मंदिर है . धरना प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों ने ये तक कह डाला है कि आने वाले चुनाव में अरविन्द केजरीवाल का फिर से सत्ता में लौटना नामुमकिन होगा।
video देखें: दारु-बार खोलने के लिए प्राचीन Hanuman Mandir तोड़ रही दिल्ली सरकार? गाँव वालों ने कर दिया चक्का-जाम
धरना में उठी योगी जैसे मुख्यमंत्री की मांग.
इस मंदिर के तोड़ने के आदेश के विरोध में जब ओ न्यूज़ हिंदी की टीम ने स्थानीय निवासियों से बात की तो उनका कहना था की उन्हें अब दिल्ली में योगी आदित्यनाथ ही चाहिए. छावला गांव के लोगो का कहना है कि अगर दिल्ली की सत्ता योगी आदित्यनाथ के हाथ में होती तो आज उन्हें मंदिर के टूटने का डर नहीं होता। लोगों ने कहा की अगर केजरीवाल हनुमान भगत है तो आए और आदेश वापस ले.

video देखें:Delhi के हनुमान मंदिर से उठी Yogi जैसे CM की मांग.!
12 जून 2023 को नहीं टुटा प्राचीन मंदिर.
12 जून 2023 को इस प्राचीन हनुमान मंदिर को तोड़ने का आदेश SDM के द्वारा दे दिया गया था लेकिन 12 जून को ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला, ना तो मंदिर के आस पास कोई बुलडोज़र नज़र आया और ना हीं कोई आला अधिकारी नज़र आए. गांव के लोगो और Bajrang Dal ने साफ कह दिया है की हमारे बाबा जहाँ है वही रहेंगे.
मंदिर टूटने की तारीख 12 जून से 23 जून पहुंची.
स्थानीय निवासियों के साथ Bajrang Dal का कहना है कि उनके आंदोलन और धरना प्रदर्शन करने की वजह से मंदिर को नहीं तोड़ा गया और तारीख बढ़ा कर 12 जून से 23 जून कर दिया गया है. यही नहीं गांव वालों का ये भी कहना है की 23 जून को भी वो मंदिर को नहीं टूटने देंगे और मंदिर की दिवार बन कर खड़े रहेंगे।
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