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Wednesday, July 24, 2024

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ब्लूटूथ हेलमेट पहनकर बाइक चलाई तो खैर नहीं, अब घा यलों को अस्पताल पहुँचाने पर मिलेगा कैश ईनाम..!!

आज के हाईटेक दौर में कार के साथ अब दोपहिया वाहनों में भी ब्लूटूथ (Bluetooth) डिवाइस की सुविधा मौजूद है. जिसके जरिए आप गाड़ी चलाते हुए भी फोन पर बातचीत कर सकते हैं. लेकिन अब ऐसा करना भी गैर कानूनी हो गया है. दरअसल बेंगलुरु पुलिस (Bangalore Police) ने ताजा आदेश के मुताबिक अगर कोई भी बाइक सवार ड्राइविंग करते समय हेलमेट में हेडफोन या फिर ब्लूटूथ डिवाइस का यूज करता हुए पाया जाएगा तो उसके प्रति उचित निर्णय लिया जायेगा.

एसोसिएशन दिखा ना खुश:

पुलिस के इस आदेश पर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (HMA) कुछ ना खुश नज़र आया. दरअसल ऐसे हेलमेट के यूज से राइडिंग के दौरान फोन रिसीव करने में आसानी होती है. एसोशिएशन का कहना है कि ड्राइविंग के दौरान ब्लूटूथ उपयोगी टेक्नोलॉजी है.

टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक शहर के डीसीपी (ट्रैफिक वेस्ट) कुलदीप कुमार जैन ने कहा, ‘मोबाइल फोन या हेडफोन का उपयोग करने से ध्या न भटक सकता है. ब्लूटूथ से भी ध्या न भटक सकता है जो ड्राइवर और रोड पर मौजूद बाकी लोगों के लिए भी असुविधा पैदा कर सकता हैं. इसलिए सभी को जिम्मेदार नागरिक बनकर दूसरों को भी जागरूक करना चाहिए.’ आपको बता दें कि यहां ड्राइविंग करते समय मोबाइल या किसी भी उपकरण का उपयोग करने पर पहली बार धरे जाने पर 500 रुपये वहीं दूसरी या तीसरी बार धरे जाने पर 1,000 रुपये का फाइन लगाया जा रहा है. इसी वजह से टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने ब्लूटूथ का उपयोग करने पर चालान से ना खुश नज़र आया.

विदेशों में खूब चलन:

बेंगलुरु पुलिस से पहले केरल पुलिस (Kerala Police) ने ड्राइविंग के दौरान ब्लूटूथ स्पीकर का यूज करके फोन पर बात करने वालों के प्रति उचित निर्णय लेना शुरू किया था. एमवीडी केरल के अनुसार, किसी भी रूप में वाहन के अंदर ब्लूटूथ और फोन का उपयोग करना अ वैध है, जिससे कार मालिकों और ड्राइवर्स में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. हालांकि ऐसे हेलमेट का इस्तेमाल करने वाले सिर्फ भारत में नहीं है. हिंदुस्तान में तो ये तकनीक विदेशों से चलन में आई. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के कई देशों में इन ब्लूटूथ हेलमेट्स का जमकर इस्तेमाल होता है.

इसके लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों और परिवहन सचिवों को पत्र लिखा. इस पत्र में मंत्रालय ने कहा कि ये योजना 15 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक प्रभावी होगी.

नेक मददगार को पुरस्कार देने की योजना:

मंत्रालय ने सोमवार को ‘नेक मददगार को पुरस्कार देने की योजना’ के लिए दिशानिर्देश जारी किए. मंत्रालय ने कहा कि इस योजना का मकसद आपा तकालीन स्थिति में सड़क दु र्घटना पी ड़ितों की मदद करने के लिए आम जनता को प्रेरित करना है. नकद पुरस्कार के साथ एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा. मंत्रालय ने कहा कि इस पुरस्कार के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर 10 सबसे नेक मददगारों को एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा.

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