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कोविड से माता पिता को खोया, 99.8% अंको के साथ किया टॉप,

Bhopal: यह समय बहुत अच्छा नहीं है। सारा विश्व (World) महामा री से गुजर रहा है। इस समय अपना और अपने परिवार (Family) का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इस समय स्कूल(School), कॉलेज(College) और तमाम अन्य तरह के शिक्षण संस्थान बं द है। इस वजह से छात्रों की पढ़ाई छूट रही है। लोगों की आर्थिक स्थिति में भी लगातार गिरावट आ रही है। ऐसी स्तिथि में जिंदगी बहुत अच्छे से नहीं गुजर सकती है। इन सबके बीच देश भर के 10 वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों का परिणाम Result) घोषित किया जा चुका है। छात्रों के परीक्षा परिणाम काफी अच्छे है। आज हम आपके लिए मध्यप्रदेश (Madhay Pradesh) की एक ऐसी ही छात्रा की कहानी लेकर आये है। जिसने कोविड में अपने माता पिता को खोने के बाद भी, कड़ी मेहनत करते हुए 99.8% फीसदी अंकों के साथ टॉप किया है।

99.8% फीसदी अंको के साथ किया टॉप

मध्यप्रदेश की होनहार स्टूडेंट वनीषा पाठक (Vanisha Pathak) के हौसलों के आगे पहाड़ को भी झुकना पड़ जाएगा। वनीषा पाठक उम्र में भले ही छोटी है, लेकिन उनकी सोच बहुत बड़ी है। कोविड में माता पिता को खोने के बाद भी वनीषा पाठक ने CBSE बोर्ड में 99.8 फीसदी अंक हासिल किए और टॉप किया। इस मौके पर पीएमओ (PMO) ने भी बच्चों से बात की।

माता-पिता को खोने के बाद भी होंसले बुलंद

वनीषा पाठक के माता पिता ने उनके लिए बहुत सारे सपने देखे थे। मगर कोविड में वह अस्वस्थ हो गए और वनीषा पाठक को इस दुनिया में छोड़कर चले गए। यह समय वनीषा के लिए बहुत अच्छा नहीं था। वनीषा अपने माता पिता के सपने को पूरा करने में लग गई। घर भी संभाला, माता पिता का भी ख्याल रखा। इन सबके बीच वह अपनी पढ़ाई भी करती रही। उनकी कड़ी मेहनत का फल उन्हें भरपूर मिला। जब परीक्षा के परिणाम घोषित हुए तो वनीषा पाठक ने 99.8% फीसदी अंको के साथ टॉप किया।

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माता पिता के लिए लिखा खूबसूरत नोट

अपने माता पिता को खोने के बाद पता ही नहीं चला कि नन्ही सी वनीषा पाठक कब इतनी समझदार हो गई। उन्होंने बताया कि इस कठिन समय में वह अपने भाई के लिए माता और पिता दोनों की भूमिका में थी। इसलिए मुझे मजबूत होना होगा। वनीषा ने अपने पिता के लिए एक नोट लिखा था। इसमें वह लिखती है, “पापा आपके बिना भी टू टी नहीं हूं। आपके सपनों को पूरा करने जितनी भी बार हा रूं, उतनी बार अपने आप उठूंगी। मैंने अपने ज ख्म को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और आज भी मजबूती से खड़ी हूं। मुझे पता कि आप आज भी मुझे कहीं से देख रहे हैं, मैं आपके लिए सम्मान का कारण होंगी।

मामा ने बताया PMO से आया था फोन

वनीषा के मामा ने बताया कि माता पिता को खोने के बाद भी वनीषा ने अकेले सब कुछ संभाला। वह भी मदद नहीं कर पाये क्योंकि वह भी संक्रमित थे। उन्होंने बताया कि PMO ऑफिस से भी फोन आया था। उन्होंने वनीषा से बात की थी। अधिकारियों ने कहा कि कोई परे शानी हो, तो वह सीधे संपर्क कर सकती हैं। बच्चों को दस्तावेज की समझ नहीं थी। इसलिए थोड़ी देर से मदद मिली। बच्चों को कोविड योजना के तहत 5-5 हजार रुपए सरकार से मिल गए हैं।

News Desk

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