राजनीति के ज्ञाता पंडित आचार्य चाणक्य ने जीवन के हर पहलू पर कई नीतियां लिखी हैं। चाणक्य के द्वारा प्राचीन समय में लिखित ये नीतियां आज के समय में भी बहुत प्रासंगिक हैं। इसमें जीवन जीने के महत्वपूर्ण विषयों की ओर ध्यान दिया गया है, साथ ही व्यक्ति के संबंधों – प्रेम प्रसंग, उसके जीवन में आने वाले सुख-दुख के साथ ही जीवन की अन्य समस्याओं का जिक्र करते हुए इनके समाधान पर भी बात की गई है। चाणक्य नीति के मुताबिक व्यक्ति अकेले ही पैदा होता है और वह अकेले ही मृत्यु को प्राप्त करता है। अपने कर्मो के शुभ-अशुभ परिणाम भी वह अकेले ही संभालता है। वह अकेले ही नरक में जाता है या स्वर्ग प्राप्त करता है। आप भी जानिए चाणक्य नीति की महत्वपूर्ण बातें।
ये लोग है दुनिया में सुखी
नीति शास्त्र के मुताबिक वो लोग जो इस दुनिया में सुखी और खुश है, जो अपने संबंधियों के प्रति नाजुक हैं, अनजाने लोगो के प्रति सह्रदय है, अच्छे लोगों के लिए प्रेम की भावना रखते हैं, दुष्ट लोगों से धूर्तता पूर्ण व्यवहार करते है, विद्वानों से कुछ नहीं छुपाते और दुश्मनों के सामने हिम्मत दिखाते हैं।
जिसने नहीं दिया कोई दान
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अरे लोमड़ी! उसे तुरंत छोड़ दे, जिसके हाथों ने कोई दान नहीं दिया, जिसके कानों ने कोई विद्या ग्रहण नहीं की, जिसकी आंखों ने भगवान का सच्चा भक्त नहीं देखा, जिसके पांव कभी तीर्थ क्षेत्रों में नहीं गए, जिसने अधर्म के मार्ग से कमाए हुए धन से अपना पेट भरा और जिसने बिना मतलब ही अपना सर ऊचा उठा रखा है अरे लोमड़ी! उसे मत खा, नहीं तो तू दूषित हो जाएगी।
व्यक्ति अपना किया खुद भोगता है
चाणकय नीति के मुताबिक व्यक्ति अकेले ही पैदा होता है। वह अकेले ही मृत्यु को प्राप्त करता है। अपने कर्मो के शुभ अशुभ परिणाम भी वह अकेले ही भोगता है। वह अकेले ही नरक में जाता है या सदगति प्राप्त करता है।
पुण्य मृत्यु के बाद एकमात्र मित्र
आचार्य चाणक्य के मुताबिक जब आप सफर पर जाते हैं, तो शिक्षा ही आपका दोस्त होता है। इसी तरह घर में पत्नी आपकी मित्र है। ऐसे ही बीमार होने पर दवा आपकी मित्र होती है। अर्जित पुण्य मृत्यु के बाद एकमात्र मित्र है।
Also Read:- LIC की ये पॉलिसी बदल देगी आपकी जिंदगी…
जिन लोगों ने नहीं की भक्ति
नीति शास्त्र के अनुसार कहा गया है कि धिक्कार है, उन्हें जिन्हें भगवान श्री कृष्ण, जो मां यशोदा के लाडले हैं, उनके चरण कमलों में कोई भक्ति नहीं की। मृदंग की ध्वनि धिक् तम धिक् तम करके ऐसे लोगो को धिक्कार करती है।