अपने आप को दिल्ली का मालिक बताने वाले अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी AAP की साख की पोल सोमवार (19 अप्रैल 2020) को शाम होते-होते ही खुल गई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक सप्ताह के लॉक डाउन का ऐलान करते हुए हाथ जोड़ कर प्रवासी मजदूरों से विनती करते हैं कि ये एक छोटा सा लॉकडाउन है जो मात्र 6 दिन ही चलेगा, इसलिए वे दिल्ली को छोड़ कर कहीं और न जाएँ।
इधर केजरीवाल ने लॉक डाउन की घोषणा की उधर दिल्ली के तमाम ठेकों पर भारी भीड़ उमड़ आई। लोगों में शराब खरीदने की होड़ मच गई। सोशल डिस्टेनसिंग की धज्जियां उड़ गई। स्तिथि बिगड़ते देख दिल्ली पुलिस ने मोर्चा संभाला और भीड़ को नियंत्रित करने में जुट गई। अभी भीड़ नियंत्रित हुई ही थी कि उसके कुछ घंटो बाद दिल्ली से घर लौटने की मजदूरों के बीच होड़ शुरू हो गई। ठीक उसी तरह जैसे पिछले साल लॉकडाउन के दौरान देखने को मिला था।
आंनद विहार बस टर्मिनल पर उमड़ी भारी भीड़
आनंद विहार बस टर्मिनल पर मजदूरों की भारी भीड़ जुटी हुई है। वहाँ हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही इकट्ठा होने शुरू हो गए थे। इनमें से अधिकतर यूपी, बिहार और झारखंड के हैं। सभी अपने घर वापस लौटना चाहते हैं। उन्हें दिल्ली सरकार पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है।
मीडिया से बात करते हुए प्रवासी मजदूरों ने कहा कि दिल्ली की AAP सरकार को कर्फ्यू की घोषणा से पहले उन्हें समय देना चाहिए था, ताकि वो अपने घर लौट सकें। मजदूरों ने कहा कि वो दिहाड़ी पर काम करते है, ऐसे में लॉक डाउन से उनका रोजगार चला गया, अब तो उनके जीवन पर संकट आ खड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि जहाँ बस से वापस जाने के लिए मात्र 200 रुपए लगते थे, वहाँ अब 3000-4000 रुपए लग रहे हैं। प्रवासियों ने पूछा कि अब वो वापस कैसे जाएँगे?
Delhi: Migrant workers wait for buses at Anand Vihar Bus Terminal amid 1-week lockdown in NCT
"We're daily wagers, CM should have given us some time before announcing it. It takes us Rs 200 to reach home, but they're charging Rs 3,000-4,000 now,how will we go home?" say migrants pic.twitter.com/6bJIL2TbXb
— ANI (@ANI) April 19, 2021
दिल्ली सरकार से रति भर विश्वास नहीं
प्रवासी मजदूरों का साफ कहना है कि अब उन्हें दिल्ली सरकार पर तनिक भी विश्वास नहीं है। वे आशंकित है कि लॉक डाउन को आगे बढ़ाया जा सकता है, ऐसे में उनकी ज़िंदगी एक दफा फिर से नरक हो जाएगी। उनका कहना है कि पिछले साल लॉक डाउन में वो कई दिनों तक भूखे रहने को मजबूर हुए थे। निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों को तो उनके मालिकों ने ही उनकी छूटी कर दी थी। प्रवासी मजदूरों का कहना है कि कुछ दिन पहले से उनको काम मिलना शुरू हुआ था और अब फिर से लॉक डाउन लग गया। अब तो दिल्ली को छोड़ना ही एकमात्र विकल्प है।
#WATCH | Delhi: A huge rush of migrant workers at Anand Vihar Bus Terminal.
Delhi Govt has imposed a 6-day lockdown beginning at 10 pm tonight. pic.twitter.com/LDFesCKiKQ
— ANI (@ANI) April 19, 2021
आनंद विहार बस टर्मिनल पर उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस भी नाकाम रही है। प्रवासी मजदूर अपने परिवारों के साथ वहाँ पहुँचे हुए हैं। इस बार ट्रेनें भी चल रही हैं, ऐसे में कई प्रवासी मजदूर रेलगाड़ी से भी घर लौट रहे हैं। अधिकतर के पास कन्फर्म टिकट नहीं है। घर वापस लौटने की होड़ सी मची हुई है और लोग किसी तरह जगह लेकर जाने के लिए भी तैयार हैं। कौशांबी में भी भारी भीड़ है। पिछली बार जो पैदल लौटे थे, वो भी इस बार बस से जा रहे हैं। रविवार को दिल्ली से लगभग 5 लाख लोगों ने ट्रेन पकड़ी। आनंद विहार टर्मिनल पर जुटे लोगों की संख्या करीब 50,000 बताई गई है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह समय गेहूँ की कटाई और शादी-ब्याह का है। इस सीजन में लोग वैसे भी लौटते हैं, ऐसे में मजदूरों के पलायन सिर्फ लॉकडाउन के कारण नहीं हो रहा है। मजदूर बस की छत पर बैठ कर घर लौट रहे हैं। सराय काले खाँ और कश्मीरी गेट पर भी यही स्थिति है।
पिछले 1 दिन की बात करें तो दिल्ली में कोरोना के 23,686 नए मामले सामने आए हैं, जिससे वहाँ सक्रिय संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 76,887 हो गई है। 21,500 लोग ठीक भी हुए। वहीं पिछले 1 दिन में 240 लोगों को कोरोना के कारण अपनी जान गँवानी पड़ी। इसके साथ ही प्रदेश में मृ-तकों की संख्या अब 12,361 पर पहुँच गई है। पूरे भारत में कोरोना के 2,56,828 नए मामले सामने आए हैं।
केजरीवाल ने लॉक डाउन का ऐलान करते हुए मजदूरों को भरोसा दिलाया था कि Aap सरकार उनका पूरा ध्यान रखेगी। मगर जिस तरह से मजदूरों के बीच घर वापसी की होड़ मची हुई है, उसे देखकर तो लगता है कि मजदूर पिछले साल के लॉक डाउन के कड़वे अनुभवों को अभी भूले नहीं है।
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