कोविड वैक्सीन को लेकर तरह तरह की अफवाहें फैली हुई है। यह अफवाह इस कदर फैली है की इसका अंदाजा बाराबंकी के ताजा मामला से लगाया जा सकता है । यहां एक गांव में वैक्सीन लगाने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को देख कर लोग डर गए और उन्हें वैक्सीन न लगवानी पड़े, इसके लिए सरयू नदी में छलांग लगा दी। यह नजारा देख कर स्वास्थ्य विभाग की टीम आश्चर्यचकित रह गए और उनसे नदी के बाहर निकल कर आने का अनुरोध करने लगे लेकिन ग्रामीण नहीं माने। मामले की जानकारी होने पर उपजिलाधिकारी मौके पर पहुंचेे। एसडीएम के समझाने के बाद ग्रामीण नदी से बाहर आये और वैक्सीन लगवाई। बता दें कि 1500 की आबादी वाले इस गाँव में मात्र 14 लोग ही वैक्सीन लगवाने की हिम्मत जुटा सके।
स्वास्थ्य कर्मी के अनुरोध पर बाहर निकले ग्रामीण
स्वास्थ्य विभाग की टीम को जब यह सूचना मिली कि ग्रामीण गाँव से बाहर नदी की तरफ है तो वह उन्हें समझाने चल दिये । अपनी तरफ टीम को आता देख कर ग्रामीण इतने भयभीत हो गए कि उन्हें भागने का रास्ता नही सूझा और उन्होंने टीम से बचने के लिए सरयू नदी में छलांग लगा दी। छलांग लगाते समय ग्रामीणों ने अपनी जान की परवाह भी नही की । ग्रामीणों को नदी में छलांग मारता देख स्वास्थ्य विभाग की टीम के हाथ पाँव फूल गए और ग्रामीणों से बाहर आने का अनुरोध करने लगे मगर ग्रामीण बाहर निकलने को तैयार नही थे।
1500 आबादी वाले गावं में सिर्फ 14 लोगों ने लगवाया टीका
उपजिलाधिकारी राजीव शुक्ल और नोडल अधिकारी राहुल त्रिपाठी के समझाने के अथक प्रयास के बाद ग्रामीण नदी से बाहर आये । उपजिलाधिकारी ने ग्रामीणों के अन्दर व्याप्त डर और भ्रांतियों को दूर कर उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए राजी किया। तब जाकर एक के बाद एक कुल 14 लोगों ने वैक्सीन लगवाई । इस गाँव की आबादी की बात करें तो 1500 लोग यहाँ निवास करते है और टीकाकरण करवाया सिर्फ 14 लोगों ने ।
लोगों में अभी भी है जागरूकता की कमी
अब यह वैक्सीन का डर और उसकी भ्रांतियाँ है या फिर अक्सर किसी भी इंजेक्शन को देख कर डर जाने वाले ग्रामीणों का डर लेकिन इस घटना ने यह साबित किया है कि अभी लोगों में जागरूकता आनी बाकी है