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Saturday, July 27, 2024

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बस इतने साल किराये पर रहिये फिर बन सकते है मकान मालिक !

हर किसी के लिए अपना घर खरीद पाना आसान नहीं होता। घर खरीदने के लिए हमें पैसा इकट्ठा करना होता है। एक आम आदमी के लिए घर खरीदना सपने जैसा होता है। कई लोगों की जिंदगी तो किराये के मकान में रहते रहते ही बीत जाती है। आपने अक्सर यह सुना होगा कि अगर कोई किरायेदार लंबे समय तक कहीं किराये पर रह लेता है। तो उसका अधिकार उस मकान पर हो जाता है। इसी वजह से कुछ मकान मालिक ज्यादा लंबे समय तक एक ही किरायेदार को अपने मकान में नहीं रखते। कुछ मकान मालिक तो 1 साल होते होते ही घर खाली करने के लिए कह देते हैं। आइए आपको पूरी जानकारी विस्तार से बताते हैं।

कानून के अनुसार किरायेदार अपने हिसाब से कर सकता है मकान खाली

किरायेदार और मकान मालिक से संबंधित खबरें सुनते हैं। इस तरह की खबरों में ज्यादातर हमें यह सुनने को मिलता है कि किरायेदार ने मकान खाली करने से मना कर दिया। कानून के हिसाब से भी कुछ परिस्थितियों में किरायेदारों को यह अधिकार मिलता है कि वह अपने अनुसार मकान खाली करें। ऐसे में आज हम आपको यह जानकारी देंगे कि आखिर किरायेदार और मकान मालिक वाले मामले में कानून क्या कहता है? क्या वास्तव में कोई किरायेदार कुछ समय बाद किरायेदार रहने के बाद उस संपत्ति का मालिक बन सकता है?

12 साल तक किराये पर रहने के बाद मिलते हैं कुछ अधिकार

क्या मकान मालिक के पास भी कोई अधिकार होता है कि वह जब चाहे तब मकान खाली करवा दे? इसके जवाब में वकील चेतन पारीक ने बताया कि “वैसे तो कभी भी किसी भी किरायेदार को मकान मालिक की संपत्ति पर अपना हक जताने का कोई अधिकार नहीं होता। लेकिन कुछ परिस्थितियों में किरायेदार को हक मिल सकता है। कानून में एक अधिकार दिया गया है। इस अधिकार के तहत अगर कोई किरायेदार 12 साल तक किसी संपत्ति पर एडवर्स पजेशन रखता है तो उसे संपत्ति पर अधिकार मिल जाता है।”

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आखिर क्या है सुप्रीम कोर्ट का मत

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक निर्णय लिया गया था। इस निर्णय के तहत कहा गया था कि लिमिटेशन एक्ट 1963 के अनुसार निजी अचल संपत्ति पर लिमिटेशन की वैधता अवधि 12 साल जबकि सरकारी अचल संपत्ति के मामले में 30 वर्ष है। आपको बताते चलें कि कानून उस शख्स के साथ है। जिसमें अचल संपत्ति कुल 12 वर्ष से अधिक तक अपने हाथों में रखा था। अगर उस व्यक्ति को 12 वर्ष बाद उस संपत्ति से अलग किया गया तो उसके पास दोबारा उस संपत्ति को पाने का कानूनी अधिकार है। वह 12 वर्ष होने के बाद कानून की शरण में जा सकता है।

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