Sunday, May 18, 2025
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मुस्कान-साहिल मर्डर केस पर बना भोजपुरी गाना ‘ड्रम में राजा’, सोशल मीडिया पर मचा बवाल

मुस्कान-साहिल कांड की दहशत अब म्यूजिक में बदल गई?

मेरठ में हुए मुस्कान-साहिल मर्डर केस ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। एक पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही पति की नृशंस हत्या कर दी और उसके शरीर को नीले ड्रम में छिपाकर, सीमेंट भर दिया। जहां एक ओर यह मामला इंसानियत को शर्मसार करता है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे मनोरंजन का जरिया बना रहे हैं।

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भोजपुरी गाना ‘ड्रम में राजा’ ने मचाया तहलका

6 अप्रैल 2025 को बॉर्न म्यूजिक भोजपुरी के बैनर तले एक गाना रिलीज हुआ जिसका टाइटल है ‘ड्रम में राजा’। इसे भोजपुरी गायक गोल्डी यादव ने गाया है। गाने में एक पत्नी अपने पति को धमकी देती नजर आती है कि अगर उसने बात नहीं मानी तो उसे भी ड्रम में भर देगी – ठीक वैसे ही जैसे मुस्कान ने अपने पति सौरभ के साथ किया।

गाने को अब तक 30 हजार से ज्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं और करीब 1000 लोगों ने इसे लाइक किया है।


रील बनाने की अपील और लोगों का गुस्सा

गाने के डिस्क्रिप्शन में साफ लिखा गया है कि लोग इस पर इंस्टाग्राम रील बनाएं, जो कई यूजर्स को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस ट्रेंड को लेकर नाराजगी जताई और कहा कि “हत्याकांड कोई एंटरटेनमेंट नहीं है”

एक यूज़र ने लिखा – “कृपया ऐसे गंभीर मामलों पर गाने बनाना बंद कीजिए, ये इंसानियत के खिलाफ है।”
वहीं कुछ लोगों ने गाने को “बकवास” और “भावनाओं के साथ खिलवाड़” बताया।


वीडियो अब यूट्यूब से गायब

जिस यूट्यूब चैनल से यह गाना अपलोड किया गया था, अब वहाँ यह वीडियो नजर नहीं आ रहा है। हो सकता है इसे विरोध के चलते हटा दिया गया हो या फिर प्लेटफॉर्म की पॉलिसी के तहत इसे डिलीट किया गया हो।

Watch This Video:-


मुस्कान-साहिल कांड: क्या था पूरा मामला?

  • मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपने पति सौरभ की हत्या कर दी।

  • शव के टुकड़े करके नीले ड्रम में डाल दिया और उसे सीमेंट से भर दिया।

  • हत्या के बाद दोनों शिमला घूमने चले गए, जिससे किसी को शक न हो।

  • पुलिस ने जब सौरभ की गुमशुदगी की जांच की, तब इस रोंगटे खड़े कर देने वाली सच्चाई सामने आई।


क्या मर्डर केस पर गाने बनाना ठीक है?

जहां एक ओर कला को अभिव्यक्ति का माध्यम माना जाता है, वहीं ऐसी घटनाएं जब व्यंग्य या मनोरंजन का रूप लेती हैं तो वह संवेदनशीलता पर सवाल खड़ा करती हैं। क्या इस तरह की घटनाओं को म्यूजिक का हिस्सा बनाना सही है? इस पर सोचने की ज़रूरत है।


निष्कर्ष:
भोजपुरी गाना ‘ड्रम में राजा’ ने जहां कुछ लोगों का ध्यान खींचा है, वहीं यह बहस भी शुरू कर दी है कि क्या संवेदनशील मामलों को एंटरटेनमेंट के लिए इस्तेमाल करना नैतिक रूप से सही है? मुस्कान-साहिल कांड की गंभीरता को देखते हुए इस गाने को लेकर विरोध लाज़मी है।

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