Rukhsana Became Rakhi: महाशिवरात्रि का पर्व प्रेम और भक्ति का प्रतीक है।
इस पावन अवसर पर खंडवा में एक ऐसी शादी हुई जिसने सभी को चकित कर दिया।
मुस्लिम युवती रुखसाना ने अपना धर्म त्याग कर हिंदू धर्म अपना लिया और राखी नाम धारण कर सुनील के साथ विवाह के बंधन में बंध गई।
Rukhsana Became Rakhi: प्यार की कहानी
सुनील और राखी (पहले रुखसाना) पिछले कुछ समय से एक-दूसरे से प्रेम करते थे।
धर्म भिन्न होने के कारण उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
अंत में, दोनों ने महाशिवरात्रि का पर्व चुनकर भगवान शिव के सामने और उन्हें साक्षी मानकर शादी करने का निर्णय लिया।
हिंदू संगठनों का सहयोग:
हिंदू संगठनों ने इन दोनों को महादेवगढ़ मंदिर में विवाह करने का सुझाव दिया।
मंदिर के संरक्षक अशोक पालीवाल ने बताया कि राखी का आज सनातन में प्रवेश हुआ है।
Rukhsana Became Rakhi: विवाह की रस्में
महादेवगढ़ मंदिर में पंडितों ने हिंदू रीति रिवाजों के साथ राखी और सुनील का विवाह कराया।
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दोनों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई और सात फेरे लिए।
नवविवाहितों की भावनाएं:
राखी ने कहा कि उसे बचपन से ही हिंदू संस्कृति अपनी ओर आकर्षित करती थी।
सुनील को अपने पति के रूप में पाकर वह बहुत खुश है। सुनील ने भी राखी के प्रति अपना प्यार और समर्पण व्यक्त किया।
निष्कर्ष:
महाशिवरात्रि पर रुखसाना और सुनील की शादी प्रेम और भक्ति का एक अद्भुत उदाहरण है।
यह दर्शाता है कि सच्चे प्रेम के लिए कोई धर्म या जाति बाधा नहीं बन सकती।
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