आज सभी लोग सुबह जागने के बाद एक कप चाय (Tea) पीते है। तो उनका पूरा दिन ऊर्जावान हो जाता है। लोग शाम को जब थक कर घर आते हैं। तो चाय पीते है। जिससे दिन भर की थकान मिनटों में दूर हो जाती है। सर्दियों (Winter) के मौसम में चाय का एक अलग ही महत्व है। चाय हमारे शरीर को ग र्म रखती है। जिससे हमें ठंड नहीं लगती है। हमारे देश (Country) में करोड़ों लोग चाय के दीवाने हैं। आज हम ऐसे टी स्टॉल (T-stall) के बारे में बात कर रहे है जो साल में 6 महीने नही खुलती है। इसलिए है ये दुनिया की मशहूर चाय की दुकान है।
देश की आखिरी चाय की दुकान है
अगर आप सर्दियों में वादियों में, प्रकृति (Natural) का नजारा लेने गए हैं। अगर आपके हाथ में चाय की प्याली न हो तो आनंद (Enjoy) नहीं आता वैसे तो गली-मुहल्ले, नुकक्कड़, सड़क के किनारे चाय की टपरी होती हैं। लेकिन वैसे आनंद नहीं मिलता है। जैसा वादियों में आनंद मिलता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी चर्चित और अ नोखी चाय के दुकान के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसके बारे में जानकर आप खुद को नहीं रोक सकते है। ये चाय की दुकान देश की आ खिरी चाय की दुकान है।
चाय की दुकान 6 महीने नहीं खुलती है
ये चाय की दुकान उत्तराखंड (Uttarakhand) राज्य के चमोली (Chamoli) जिले में स्थित है। जो साल में केवल 6 महीने के लिए खुलती है। और जैसे ही चारधाम के दरवाजे लगने के बाद ये दुकान भी नही खुलती है। यहां 6 महीने बर्फबारी के चलते चारधाम के दरवाजे नही खुलते हैं। जिसकी वजह से पर्यटकों का आना-जाना भी नही होता है। पहाड़ों में चढ़ाई करने के वजह से लोग थ क जाते हैं जिससे लोग इस दुकान की चाय पी कर अपने आप को ऊर्जावान महसूस करते हैं।
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कई वैरायटी की मिलती है चाय
आप लोगों को बता दें कि आर्थिक म जबूरी की वजह से दलवीर सिंह (Dalbeer Shingh) और उनके भाई ने साल 1981 में इस दुकान की शुरूआत की। जो व्यक्ति चार धाम की यात्रा के लिए आता है वह किस दुकान पर रु क कर चाय पीता है। दिलबर सिंह की दुकान में चाय की बहुत सारी वरायटी (Variety) मिलती हैं। जैसे कि तुलसी टी, हर्बल टी और घी चाय यहां की मशहूर है। इस दुकान की लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ गई। यह चाय की दुकान इतने मशहूर है कि यहां लोग फोटो खिं चवाने के लिए आते हैं।