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Sunday, September 8, 2024

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Danpatr: ई- बहन ने मिलकर जरूरतमंद लोगों के लिए बनाया “दानपात्र”ऐप; सिर्फ 4 साल में 11 लाख लोगों की कर चुके हैं मदद..

वैसे आपने देखा होगा कि शादियों में खाना बचाता है। तो उसे फेंक देते हैं। पुराने कपड़ों (Old Clothes) का भी यही करते है। इन चीजों को सही जगह पहुंचाने का उपाय निकाल लिया गया है। भाई बहनों ने एक ऐप (App) का बनाया है। जिससे गरीब लोगो की मदद की जा सकेगी। जो सोशल मीडिया (Social Media) पर सुर्खियों में चल रहा है। यह ऐप अब तक 4 साल में 11 लाख लोगों की मदद कर चुका है। विस्तार से पूरी खबर बताते हैं।

किस तरह आया आईडिया

29 साल की आकांक्षा गुप्ता (Akanksha Gupta) ने इस ऐप (App) का निर्माण किया है। जो पैसे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Software Engineer) हैं। आकांक्षा एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी चलाती हैं। इस ऐप का आइडिया (Idea) उनको अपने एक दोस्त की शादी में आया। जहां उन्होंने देखा कि कितना खाना बचा था। उसे फेंक दिया गया था इस खाने से लगभग 100 लोगों का पेट भर सकता था। इस ऐप को बनाने में आकांक्षा के भाई यश गुप्ता (Yash Gupta) ने उनकी मदद की है। जिससे जरूरतमंदों की मदद की जा सके।

क्या नाम है इस ऐप का

आपको बतादें कि जरूरतमंदों की मदद के लिए इंदौर (Indore) के भाई-बहन की जोड़ी ने ‘दानपात्र’ (Danpatr) नाम का से एक अलग तरह का ऐप बनाया है। इस ऐप के माध्यम से लोग कॉन्टेक्ट करके अपने पुराने कपड़े, खिलौने, खाना, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, फर्नीचर (Furniture)आदि चीजों को देते हैं। इन चीजों को दानपात्र अपने साथियों के साथ मिलकर जरूरतमंद लोगों तथा गरीबों तक पहुंचा देते हैं। दानपात्र के जरिए अब तक लगभग 11 लाख लोगों को मदद मिल चुकी है। दानपात्र का नाम एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड  (Exclusive World Record) में दर्ज किया गया है।

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इस तरह दानपात्र और उनकी टीम काम करती है

आपको बता दें जब ऐप पर लोगों की रिक्वेस्ट (Request) मिलती है तो उसके बाद पर वॉलेंटियर उस (Volunteer) स्थान पर जाते हैं। फिर क्षेत्र के हिसाब से वॉलेंटियर फील्ड से सामान उठाते हैं। सामान को सेंटर (Centre) पर ला कर फिल्टर या रीसाइकल किया जाता है। सामान इस्तेमाल के लायक नहीं होता उसे अलग कर देते है। फिर कैटेगरी के हिसाब से सभी सामान को एक साथ रखा जाता है। उसके बाद इस सामान को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचा दिया जाता है।सामान का फोटो(Photo), वीडियो (Video) “दानपात्र” के सोशल मीडिया (Social) पेज दल देते हैं। ताकि डोनर (Donar) को पता चल जाए कि उनका सामान सही जगह पहुंचा है।

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