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Sunday, September 8, 2024

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Delhi University को लेकर आ रही ये खबर….

आज के दौर में जब से कोविड (Covid)  भारत (India) में आया। सबसे कॉलेज (College), स्कूल (School) ऑनलाइन (Online) कर दिए गए हैं। इसी के साथ बच्चों के ओबीई (OBE)  हो रहे हैं। देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी दिल्ली यूनिवर्सिटी ऑनलाइन परीक्षाकरा रही है। इसी बीच यूनिवर्सिटी से ऑनलाइन परीक्षा को लेकर एक अहम खबर आ रही है। दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) से खबर आ रही है की छात्र (Student) एक प्रश्न के उत्तर में 27 पेज का जवाब लिख रहे हैं। यूनिवर्सिटी को लग रहा है कि छात्र सामूहिक न कल कर रहे हैं। आइए हम आपको बताते विस्तार से पूरी खबर।

विवेकानंद कॉलेज की प्रोफेसर संध्या शर्मा ने क्या कहा

डीयू(DU) के विवेकानंद कॉलेज (Vivekanand College) में इतिहास (History) की एसोसिएट प्रोफेसर (Associate Profesor) संध्या शर्मा (Sandhya Sharma) ओपन बुक परीक्षाओं (Open Book Exam)की उत्तर पुस्तिका की जांच कर रही हैं। संध्या शर्मा बताती हैं कि उत्तर उत्तर पुस्तिका को पढ़ने के बाद उन्हें नोटिस किया गया तो पता चला है कि कई छात्र प्रश्नों के उत्तर में 50 से 60 पेज लिख रहे हैं। एक प्रश्न के जवाब में छात्र 27 पेज लिख रहे हैं। जिससे उत्तर पुस्तिका में उत्तर ढूंढने में काफी दि क्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि ऑफलाइन परीक्षाओं में छात्र पूरा पेपर 30 से 32 पेज मैं लिख देते थे।

ओबी ई एग्जाम में लिख रहे हैं बच्चे कहानियां

आपको बता दे ओबीई में अधिकत्तर छात्र लगभग 12 से 15 पेज में उत्तर लिख रहे हैं। लेकिन लिखावट एक जैसी है। मुझे लगता है कि यह एक तरह का धो खा लग रहा है। जो प्रश्न पूछा जा रहा है उसका उत्तर बिंदुओं में देने की बजाय वह पूरी कहानी लिख रहे हैं। इससे लगता है कि छात्रों के पास पहले से ही उत्तर तैयार हैं बस वह स्कैन करके उसे अपलोड कर देते हैं। बल्कि उन प्रश्नों का उत्तर छोटे-छोटे थे।

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डीयू परीक्षा शाखा डीन प्रो डी एस रावत ने ओबीई परीक्षा को लेकर कहा

संध्या शर्मा का मानना है कि मूल्यांकन के स्टैंडर्ड को अच्छा करना होगा कोविड के दौरान इसके के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। ओबीई (OBE) के दिशा निर्देश दिए जाने चाहिए इसके लिए एक बैठक आयोजित की जानी चाहिए ऐसे छात्रों को कितने अंक देने हैं। इसके बाद डीयू परीक्षा शाखा डीन प्रो डी एस रावत (DS Rawat) कहते हैं कि शिक्षकों को मूल्यांकन का पता होना चाहिए। कोविड से पहले भी छात्र ऐसे ही लिखते थे। इस पूरे मामले को डीयू रजिस्टर (DU Register)के नज़रों में लाया जाएगा। जिसके बाद ही कुछ निर्णय लिया जा सकता है।

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