Thursday, May 22, 2025
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अब इस मस्जिद पर बुलडोजर की तैयारी, प्रशासन का नोटिस, नमाज पर लगी रोक

पीलीभीत की 8 साल पुरानी मस्जिद को नक्शा विवाद में मिला ध्वस्तीकरण का नोटिस, डर से बंद हुई नमाज, प्रशासन ने मांगा जवाब

अब पीलीभीत की इस मस्जिद पर मंडरा रहा बुलडोजर का खतरा! प्रशासन ने भेजा नोटिस, नमाज पर लगी रोक

Table of Content (विषय सूची)

  1. कहाँ की है ये मस्जिद?

  2. प्रशासन ने क्यों भेजा नोटिस?

  3. नमाज क्यों हो गई बंद?

  4. क्या बोले सिटी मजिस्ट्रेट?

  5. मुस्लिम परिवारों में डर का माहौल

  6. आगे क्या हो सकता है?

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मस्जिद: कहाँ की है ये मस्जिद?

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र में स्थित यह मस्जिद, लगभग 8 साल पहले बनाई गई थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, यहां पाँच वक्त की नमाज नियमित रूप से होती थी।

प्रशासन ने क्यों भेजा नोटिस?

प्रशासन का कहना है कि मस्जिद का निर्माण नक्शा पास नहीं है। इसी के चलते मस्जिद के मुतावल्ली शाहिद मलिक को धारा 10 के तहत नोटिस भेजा गया है।
1 मई 2025 तक जवाब देने का समय मिला है।
यदि दस्तावेज सही नहीं पाए गए, तो ध्वस्तीकरण (Bulldozer Action) की कार्रवाई की जा सकती है।नमाज क्यों हो गई बंद?

नोटिस मिलने के बाद से स्थानीय लोगों ने डर के मारे मस्जिद में ताला डाल दिया
➡️ जुमे के दिन भी पुलिस की मौजूदगी में नमाज रोक दी गई थी।
अब मस्जिद में कोई भी नमाज नहीं हो रही है, जिससे मोहल्ले के मुस्लिम परिवारों में ग़म और गुस्से का माहौल है।

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क्या बोले सिटी मजिस्ट्रेट?

सिटी मजिस्ट्रेट विजयवर्धन तोमर ने कहा:

“हमने सिर्फ नक्शे को लेकर नोटिस जारी किया है, मस्जिद को बंद करने का आदेश नहीं दिया गया है।”

मुस्लिम परिवारों में डर का माहौल

यह Masjid घनी मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र में स्थित है। नोटिस और पुलिस की मौजूदगी से लोग सहमे हुए हैं
अब उन्हें नमाज के लिए दूसरी जगहों पर जाना पड़ रहा है, जिससे धार्मिक कार्यों में बाधा आ रही है।

आगे क्या हो सकता है?

  • यदि Masjid के नक्शे संबंधी दस्तावेज सही पाए जाते हैं, तो कार्रवाई नहीं होगी।

  • अन्यथा, मस्जिद पर बुलडोजर चल सकता है

  • स्थानीय लोग अब कानूनी रास्ता अपनाने की तैयारी कर रहे हैं।

 चिपकाया नोटिस
चिपकाया नोटिस

निष्कर्ष

पीलीभीत की यह घटना सिर्फ एक मस्जिद की नहीं, बल्कि एक सांप्रदायिक भावना और संवैधानिक सवाल बन चुकी है। आगे क्या होगा, यह आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन सवाल यह है कि —
क्या धार्मिक स्थलों पर भी अब बुलडोजर राजनीति हावी हो गई है?

SourceNews18
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