“Trump-ब्रोकर्ड सीज़फायर” — एक भ्रामक नैरेटिव
सच्चाई सिर्फ़ इतनी है: भारत की शर्तों पर ‘फायर पॉज़’
लेखक: खेमचंद शर्मा,राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट, भारतीय जनता पार्टी
IndiaPakistanConflict के संदर्भ में सच्चाई क्या है?
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सैन्य झड़पों के बाद कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया घरानों और विपक्षी नेताओं ने जिस तरह इसे “ट्रंप-ब्रोकर्ड सीज़फायर” बताया, वह पूरी तरह से भ्रामक और तथ्यहीन है। यह न तो किसी अमेरिकी दबाव का परिणाम था, और न ही किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का।
यह ‘फायर पॉज़’ सिर्फ़ और सिर्फ़ भारत की सैन्य जीत, आतंकवाद के खिलाफ़ पूर्ण सफलता और पाकिस्तान की घबराहट का परिणाम था।
“#Trump-brokered #ceasefire” — A Misleading Narrative**
"The Only Truth: A ‘Fire Pause’ on India’s Strategic Terms"
**Author**: *Khemchand Sharma*
In the context of recent #IndiaPakistanConflict, it must be clearly stated that the so-called "ceasefire" was not a result of… pic.twitter.com/2egfo7R0k5
— Khemchand Sharma(Modi Ka Parivar) #RadheRadhe (@SharmaKhemchand) June 3, 2025
ऑपरेशनसिंदूर: भारत की निर्णायक कार्रवाई
एक बड़े आतंकी हमले के जवाब में भारत ने #ऑपरेशनसिंदूर लॉन्च किया। इस ऑपरेशन में भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान की सीमाओं में घुसकर 9 आतंकवादी लॉन्चपैड ध्वस्त किए और सैकड़ों आतंकवादियों को ढेर किया।
“भारत अब सिर्फ निंदा नहीं करता। अब भारत दुश्मन की धरती पर घुसकर जवाब देता है। आतंकवादियों के लिए अब कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं है।”
इस मिशन को Make in India तकनीकों की मदद से अंजाम दिया गया — यह भारत की नई रक्षा नीति की झलक है।
अमेरिकी मध्यस्थता का भारत ने साफ़ इंकार किया
तनाव के चरम पर जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मध्यस्थता की पेशकश की, तब भारत ने साफ शब्दों में मना कर दिया।
रणनीतिक विश्लेषक नितिन गोखले ने कहा:
“यह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है। भारत ने स्पष्ट कर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।”
पाकिस्तान की घबराहट और भारत की शर्तें
भारत की सैन्य कार्रवाई और वैश्विक अलगाव के दबाव में पाकिस्तान ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के माध्यम से भारत से संपर्क किया और ‘फायर पॉज़’ की गुहार लगाई। लेकिन भारत ने सीधा जवाब नहीं दिया।
भारत ने साफ़ कहा:
“अगर पाकिस्तान फायर पॉज़ चाहता है, तो उसे भारत के DGMO को आधिकारिक कॉल करनी होगी।”
पाकिस्तान के पास कोई विकल्प नहीं था। उसे भारत की शर्तें माननी पड़ीं — यह भारत की कूटनीतिक और सैन्य जीत थी।
“ट्रंप सीज़फायर” — झूठ का पर्दाफाश
कुछ राजनीतिक नेता और मीडिया इसे “ट्रंप द्वारा कराई गई सीज़फायर” बता रहे हैं। लेकिन नितिन गोखले ने स्पष्ट किया:
“यह कोई सीज़फायर नहीं था। यह ‘फायर पॉज़’ था — पाकिस्तान की घबराहट के कारण किया गया अनुरोध, जिसे भारत ने अपने सैन्य लक्ष्य पूरे करने के बाद, अपनी शर्तों पर स्वीकार किया। अमेरिका सिर्फ़ एक चैनल था, निर्णय पूरी तरह भारत का था।”
‘मेक इन इंडिया’ सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
इस ऑपरेशन में भारत की आत्मनिर्भर रक्षा ताकत जगजाहिर हुई:
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तेजस Mk1A — स्वदेशी फाइटर जेट
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अर्जुन Mk1A टैंक — अत्यधिक लक्ष्य भेदन क्षमता
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पिनाका रॉकेट सिस्टम — मल्टी-बैरेल एक्यूरेट स्ट्राइक
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ब्रह्मोस ER मिसाइल — लंबी दूरी की मारक क्षमता
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लोइटरिंग म्युनिशन और UCAVs — भारतीय ड्रोन युद्ध नीति का नया अध्याय
निष्कर्ष: भारत की जीत, पाकिस्तान की गुहार, अमेरिका केवल माध्यम
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भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता सिरे से खारिज की
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पाकिस्तान ने ‘फायर पॉज़’ की गुहार लगाई
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भारत ने अपनी शर्त रखी — केवल DGMO कॉल के बाद ही स्वीकार
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9 लॉन्चपैड नष्ट, सैकड़ों आतंकवादी ढेर
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“ट्रंप सीज़फायर” की कहानी झूठी साबित
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‘मेक इन इंडिया’ सैन्य ताकत दुनिया के सामने
नया भारत: सहनशील नहीं, सशक्त जवाबी नीति
आज का भारत केवल हमला सहता नहीं, जवाब देता है — निर्णायक और दुश्मन की धरती पर। नीति बदल चुकी है। सोच बदल चुकी है। अब भारत बदल चुका है।
“जो भारत को उकसाएगा, वह बच नहीं पाएगा।
और जो आतंक फैलाएगा — वह कहीं छुप नहीं पाएगा।”
